चाईबासा. प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ल की अदालत ने सोमवार को अफीम तस्करी के तीन दोषियों को 10-10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर दो-दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. दोषियों में कराइकेला थाना के नवादा गांव निवासी एसी बिरसा, टेबो थाना के सोंगरा निवासी पांडा बोदरा व लातेहार के बालूमाथ थाना के जबरा गांव निवासी सुबोध प्रजापति शामिल हैं. टेबो थाना प्रभारी संजीव कुमार के बयान पर तीन सितंबर, 2022 को कराइकेला थाना में मामला दर्ज कराया गया था. दर्ज मामले में बताया गया कि 3 सितंबर, 2022 को पुलिस दिन के करीब 12 बजे गश्ती से लौट रही थी. रास्ते में नवादा गांव से डेढ़ किलोमीटर आगे चिंगिदा गांव की तरफ जाने वाली पहाड़ी रास्ते की ओर से बाइक पर एक युवक को आते देखा गया. संदेह होने पर पुलिस कर्मियों ने उसे रोका और तलाशी ली. जांच के क्रम में उसके झोला से 2 किलो अवैध मादक पदार्थ (अफीम) बरामद किया गया. इसके बाद उसे कागजात की मांग की गयी. लेकिन वह दिखाने में असमर्थ रहा. उसने अपना नाम पांडा बोदरा बताया. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि नवादा निवासी एसी बिरसा के घर से अफीम ला रहा था. अफीम को बालूमाथ निवासी सुबोध प्रजापति को बेचता था. पुलिस की निशानदेही पर एसी बिरसा को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद सुबोध प्रजापति को गिरफ्तार किया गया.
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चाईबासा में तीन अफीम तस्करों को 10-10 साल सश्रम कारावास
चाईबासा कोर्ट के प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत ने तीन अफीम तस्करों को 10-10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. वहीं एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
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