रांची विवि के पीजी भूगर्भशास्त्र में सेमिनार
रांची.
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर जेनरल (डीडीजी) अखौरी विश्वप्रिया ने कहा है कि झारखंड में मौजूद लिथियम, ग्रेफाइट, डायमंड व गोल्ड माइंस भी राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं. पलामू में लिथियम तथा ग्रेफाइट के भंडार हैं. इसका पूर्ण उपयोग किया जाये तो झारखंड फिर देश में अपनी जगह बना सकेगा. श्री विश्वप्रिया सोमवार को रांची विवि अंतर्गत पीजी भूगर्भशास्त्र विभाग में पृथ्वी दिवस पर द अर्थ : मदर ऑफ ऑल रिसोर्स विषयक दो दिवसीय सेमिनार के उदघाटन के अवसर पर बोल रहे थे. डीडीजी ने कहा कि लिथियम व ग्रेफाइट का पूर्ण उपयोग करने से बैट्री निर्माण में अहम भूमिका होगी. राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा. साथ ही पेट्रोलियम के उपयोग व प्रदूषण की कमी तथा पर्यावरण की रक्षा भी होगी.विद्यार्थी शोध कार्य को बढ़ावा दें : डीडीजी ने यह भी कहा कि गंगा के किनारे खास कर झारखंड के साहिबगंज आदि इलाके में आर्सेनिक बहुत अधिक मात्रा में मिल रहे हैं. इससे बीमारी भी बढ़ रही है. इस दिशा में रांची विवि भूगर्भशास्त्र विभाग के विद्यार्थी शोध कार्य को बढ़ावा देकर इस पर अधिक से अधिक कार्य कर सकते हैं. राज्य के माइंस निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार शीघ्र ही राज्य में चार गोल्ड माइंस लीज पर देने की प्रक्रिया शुरू करेगी. नयी तकनीक का इस्तेमाल कर हम खदान के क्षेत्र में अधिक से अधिक कार्य कर सकते हैं.