Targate Killing: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर टारगेट कीलिंग को अंजाम दिया है. एक बार फिर आतंकियों ने एक सख्श की जान ले ली. मोहम्मद रजाक नाम के एक सरकारी कर्मचारी की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. हत्या के बाद आतंकी मौके से फरार हो गये. वहीं इस घटना से इलाके में दहशत है. घटना के बाद आतंकियों की धर-पकड़ की कोशिशें तेज है. पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान घेराबंदी और तलाशी अभियान चला रहे हैं. यहीं नहीं आतंकवादियों का पता लगाने के लिए सुरक्षा बल खोजी कुत्तों और हवाई निगरानी की का भी सहारा ले रहे हैं. जोर शोर से गोली चलाने वाले आतंकियों की तलाश की जा रही है.
अंतिम संस्कार में जुटी भीड़
सरकारी कर्मचारी मोहम्मद रजाक का आज यानी मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया. राजौरी के कुंडा टॉप में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए शामिल हुए. सोमवार रात आतंकियों ने रजाक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. अधिकारियों ने बताया कि हो सकता है कि आतंकियों के निशाने पर ताहिर हो लेकिन गोली उसके भाई को लग गई. दरअसल, मृतक रजाक का भाई मोहम्मद ताहिर चौधरी प्रादेशिक सेना में सिपाही है. वहीं घटना के बाद पुलिस ने धारा 302, 120ए, 121बी, 122, 458, शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
परिवार में पसरा है मातम
रजाक की हत्या के बाद परिवार में मातम पसरा है. पीड़ित की मां ने घटना को लेकर कहा है कि वह ड्यूटी से आया था और मवेशियों के लिए चारा डाला. खुद भी खाना खाया. इसके बाद किसी ने लाल हुसैन को बुलाया. हम बाहर गए. बंदूक के साथ एक व्यक्ति वहां खड़ा था. फिर, कुछ देर बाद हमने गोलियों की आवाज सुनी. पीड़ित की मां ने कहा है कि हम न्याय चाहते हैं, मेरे पति की भी उसी जगह हत्या कर दी गई थी. इधर, पीड़ित की पत्नी ने कहा कि एक व्यक्ति आया और लाल हुसैन को बुलाने के लिए कहा, मेरे पति भी आए. उन्होंने मुझे 15 लोगों के लिए खाना बनाने के लिए कहा. फिर, वे घर के पास गए और मेरे पति पर गोली चला दी, मैंने एक व्यक्ति को काले कपड़े में देखा कपड़े और लंबे बाल और उसके पास एक बैग था. हमने आवाज सुनी और वहां जाकर देखा तो मेरे पति की मौत हो गई थी, फिर वे भाई के पास गए जो सेना में हैं.
रजाक के पिता की भी कर दी गई थी हत्या
गौरतलब है कि रजाक के पिता मोहम्मद अकबर की भी इसी तरह हत्या कर दी गई थी. 19 साल पहले इसी गांव में आतंकवादियों ने अकबर की हत्या कर दी थी. दरअसल अकबर समाज कल्याण विभाग में काम करते थे, उनकी मौत के बाद रजाक को सरकार ने अनुकंपा के आधार पर उसी विभाग में नौकरी दी थी.
बाहरियों को बनाया जा रहा है टारगेट
जम्मू-कश्मीर में बाहर से आये लोगों को आतंकी अपना निशाना बना रहे हैं. इससे पहले 17 अप्रैल को भी आतंकियों ने एक युवक की हत्या कर दी थी. बिहार के एक व्यक्ति की अनंतनाग में आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इससे पहले 17 अप्रैल को भी आतंकियों ने बिहार के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बता दें, आतंकी गैर कश्मीरी, कश्मीरी पंडित, पुलिस के जवान और दूसरे राज्य से कश्मीर आने वाले लोगों की हत्या कर रहे है.
Also News: Arvind Kejriwal: केजरीवाल- के कविता को कोर्ट से झटका, सात मई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत