जिन कॉलेजों की वेबसाइट बनी, वह ठीक से नहीं कर रही काम
वित्त समिति की बैठक में मामला उठाये जाने के बाद इसकी जांच शुरू हो गई है. जांच कमेटी को रिपोर्ट देनी है कि जब कार्य हुआ ही नहीं तो भुगतान किस आधार पर कर दिया गया. एक कॉलेज की वेबसाइट पर छह लाख से अधिक रुपये खर्च किये गये हैं. पांच करोड़ से अधिक रुपये का भुगतान एजेंसी को वेबसाइट निर्माण के लिए किया गया है. विवि में दो दिन पूर्व सभी कॉलेजों के प्रतिनिधियों को कार्यशाला में बुलाया गया था.
उनसे एक फाॅर्मेट भरकर लिया गया. इस दौरान जानकारी मिली कि जिन कॉलेजों से वेबसाइट निर्माण के नाम पर पैसे लिए गए. उनमें से कई की वेबसाइट अबतक नहीं बन सकी है. ऐसे में कुलपति प्रो.डीसी राय ने जांच कमेटी को शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा है. बताया जा रहा है कि एजेंसी शेष कॉलेजों का वेबसाइट भी बनाएगी और पूर्व में बनाए गये वेबसाइट को अपग्रेड भी करेगी. ऐसा नहीं करने पर विश्वविद्यालय कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है.