पटना.पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से पटना पार्क प्रमंडल को 100 पार्कों को सौंपा गया था. इसके बाद पार्कों के सौंदर्यीकरण से लेकर इनमें मिलने वाली सुविधाओं की सारी जिम्मेदारी पटना पार्क प्रमंडल की थी. उस वक्त पार्कों में लगने वाले पौधों में इस्तेमाल होने वाली खाद बाहर से लायी जाती थी. खाद की बढ़ती खपत और बजट को कम करने के लिए पार्क प्रमंडल ने विभिन्न पार्कों में वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने की योजना बनायी. इसके लिए 100 पार्कों को तीन भागों में बांटा गया़ पहला पार्क प्रमंडल रेंज 1, एसके पुरी पार्क रेंज 2 और कंकड़बाग पार्क रेंज 3 था. साल 2020 में अमृत योजना पार्क 1 में पहला कंपोस्ट यूनिट लगाया गया, जिसे देखने सीएम नीतीश कुमार पहुंचे थे और उन्होंने इसकी सराहना भी की थी. वहीं पिछले साल 25 नये पार्कों का उद्धाटन भी किया गया था. इनमें से अधिकतर पार्कों में वर्मी कंपोस्ट की सुविधा है.
बाहरी खरीद पर निर्भरता हुई कम
पटना पार्क प्रमंडल प्रशासन ने बताया कि पार्कों के क्षेत्रफल के आधार पर वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाये गये हैं. विभिन्न पार्कों से अलग-अलग क्वांटिटी में खाद निकलती है. इससे पार्कों में खाद की आपूर्ति हो रही है, जिससे बाहरी खरीद पर निर्भरता कम हुई है. कुल 15 पार्कों में अलग-अलग क्षमता के वर्मी कंपोस्ट यूनिट बनाये गये हैं.
हर तीन महीने में खाद बन कर होता है तैयार
पार्कों में बने वर्मी कंपोस्ट यूनिट में पार्कों में गिरे पत्तों, फूलों और घास को डाला जाता है. फिर इसमें केचुएं डाले जाते हैं. हर 15 दिनों पर यूनिट में खुदाई की जाती हैं और महीने में दो बार कंपोस्ट को पलटा जाता है, जिससे खाद बनने में आसानी हो. तीन महीने के अंदर खाद बन कर तैयार हो जाती है. एक यूनिट से 100 या 200 किलो खाद तैयार की जाती है.
इन पार्कों में मौजूद है वर्मी कंपोस्ट यूनिटडीआरएम पार्क, विधानसभा, वीर कुंवर सिंह पार्क, नवीन सिन्हा पार्क, पुनाईचक पार्क, शिवाजी पार्क, अमृत पार्क भाग 1, इ 70 पार्क, सेक्टर 4 पार्क, एसके पुरी पार्क, भंवर पोखर पार्क-10, सीआइडी कॉलोनी, नेहरू चिल्ड्रेन पार्क, मैकडॉवेल पार्क भाग 2 आदि.