मुजफ्फरपुर. खुशहाली और उल्लास का प्रतीक मेहंदी अब हर घर की जरूरत बन गयी है. पारिवारिक उत्सव में सभी शुभ कार्यों के अलावा शादी के मौके पर महिलाएं मेहंदी लगाती हैं. इसके अलावा पर्व-त्योहारों में भी मेहंदी लगाने की परंपरा है. शादियों के मौके पर न सिर्फ परिवार के लोग मेहंदी लगाते हैं, बल्कि सभी रिश्तेदार भी मेहंदी से हथेली को सजाते हैं. शादियों में तो अब बकायदा मेहंदी रस्म भी होने लगी है. मेहंदी के बढ़ते उपयोग के कारण इसका बाजार भी लगातार बढ़ता जा रहा है. दुकानदारों की मानें तो लग्न से लेकर पर्व-त्योहार के महीनों में मेहंदी की अच्छी खपत होती है. एक महीने में इसका कारोबार 30 लाख से भी अधिक होता है. ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदार भी शहर के बाजार से ही इसकी खरीदारी करते हैं. इस कारण इसका बाजार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. हिंदू लग्न जब नहीं होता मुस्लिम परिवार में शादियां होती है, इस कारण मेहंदी का बाजार पूरे साल बना रहता है. कॉस्मेटिक दुकानदार जितेंद्र कुमार ने कहा कि पहले सिर्फ शृंगार की दुकानों से ही मेहंदी बिका करती थी, लेकिन इसका प्रचलन बढ़ने के कारण अब जेनरल स्टोर्स में भी मेहंदी बिकती है. पहले एक ही प्रकार की मेहंदी कोन आती थी, लेकिन अब कई कंपनियों की विभिन्न वेराइटी की मेहंदी बाजार में उपलब्ध है. घरों से ज्यादा ब्यूटी पार्लरों में मेहंदी की सेल अच्छी होती है. पटना और दिल्ली से मंगाते हैं मेहंदी मेहंदी की कई वेराइटी शहर में उपलब्ध है. ग्राहक मेहंदी के कलर के हिसाब से उसकी खरीदारी करते हैं. दुकानदारों का कहना है कि वे पटना और दिल्ली से मेहंदी मंगवाते हैं. यहां से मंगायी गयी मेहंदी की कीमत 10 से 20 रुपये तक होती है. बाजार में इसकी खपत अच्छी है. वर्ष भर मेहंदी की बिक्री होती है, लेकिन पर्व-त्योहार और लग्न के समय में मेहंदी की खपत अधिक हो जाती है.
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मुजफ्फरपुर में लग्न और त्योहार के महीने में 30 लाख तक मेहंदी का कारोबार
मुजफ्फरपुर में लग्न और त्योहार के महीने में 30 लाख तक मेहंदी का कारोबार
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