गिद्दी. लोकल सेल के लिए समुचित मात्रा में कोयला उपलब्ध कराने की मांग को लेकर लिफ्टरों ने बुधवार को लगभग छह घंटे तक रैलीगढ़ा कांटाघर को जाम रखा. कोलियरी प्रबंधन से आश्वासन मिलने के बाद लिफ्टरों ने दिन के एक बजे आंदोलन वापस ले लिया. जानकारी के अनुसार, लिफ्टरों ने सुबह साढ़े छह बजे रैलीगढ़ा कांटाघर को जाम कर दिया. इसके कारण लोकल सेल व ट्रांसपोर्टिंग की कई गाड़ियां जाम में फंस गयी. लिफ्टरों का कहना है कि लोकल सेल में कोयला लदाई के लिए लगभग 30 गाड़ियां परियोजना में लगती हैं. कोयला के अभाव में ज्यादातर गाड़ियों में लदाई कार्य नहीं हो पाता है. लिहाजा, खाली गाड़ी परियोजना से निकाल दी जाती है. 24 घंटे के बाद ही उन खाली गाड़ियों को परियोजना में पुन: कोयला लदाई के लिए प्रवेश करने दिया जाता है. इससे डीओ धारक, मजदूरों व लिफ्टरों को काफी परेशानी होती है. लिफ्टरों का कहना है कि इसकी शिकायत प्रबंधन से कई बार की गयी, लेकिन उनकी अनदेखी के कारण यह आंदोलन करना पड़ा है. लिफ्टरों का कहना है कि लोकल सेल के लिए जो कोयला मुहैया कराया जाता है, उसकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं रहती है. कोलियरी प्रबंधन ने रोड सेल संचालन समिति के पदाधिकारी सुंदरलाल बेदिया, शहीद अंसारी, राजेंद्र गोप तथा लिफ्टरों के साथ वार्ता की. प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि कोयले की गुणवत्ता में सुधार व लोकल सेल के लिए समुचित मात्रा में कोयला उपलब्ध कराया जायेगा. इसके बाद आंदोलन वापस ले लिया गया. आंदोलन में लिफ्टर विजय शंकर पांडेय, अरुण नायक, योगेश श्रीवास्तव, आसिफ अहमद, बबलू सिद्दीकी, कैलाश महतो, विनोद महतो, समीर, रवि वर्मा, तापस चक्रवर्ती, विशाल सिंह, संजय दास शामिल थे.
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