गोपालगंज. गर्मी का सितम बढ़ता जा रहा है. पूरा जिला हीट वेव (लू) की चपेट में हैं. जानलेवा बन चुकी लू सामान्य जन जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है. 33.8 किमी की रफ्तार से चल रही पछुआ हवा आग में घी का काम कर रहा. सुबह आठ बजे से ही तपिश बढ़ने लग जाती है. सूर्य के आग उगलने से धरती धधक रही है. सड़कों से आग निकल रही है. लोग धूप से काफी बचाव कर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं. इसके बाद भी लू के चपेट में आ रहे हैं. सुबह 10 बजते ही शहर से लोग घरों की ओर जाने को विवश हो रहे. कोर्ट कचहरी में दोपहर तक भीड़ हो रही है. उसके बाद सन्नाटा पसर जा रहा है. शहर की सड़कें भी सूनी हो जा रही हैं. घरों से वही निकल रहे हैं, जिनको बहुत जरूरी काम है. वे भी पूरे शरीर को ढक कर निकल रहे. राहगीरों को छांव की तलाश करना पड़ रहा. हवा के तेज रहने के कारण शाम पांच बजे तक लोग बाहर निकलने से कतराते रहे. मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन पांडेय ने बताया कि बुधवार को अधिकतम तापमान 43.4 तो न्यूनतम तापमान 28.2 डिग्री दर्ज किया गया. जबकि आर्द्रता 12 फीसदी रही. इस कारण लोगों को 45 डिग्री जैसा तापमान महसूस किया गया. 28 अप्रैल तक जिले में मौसम शुष्क रहने और लू चलने के साथ गर्मी बढ़ने के आसार हैं. दिन का तापमान 43-44 डिग्री, तो रात का पारा 28 डिग्री को पार कर सकता है. गर्मी बढ़ने से बीमारियां भी बढ़ रही हैं. लोगों को उल्टी, दस्त के साथ पेट दर्द की समस्या अधिक हो रही है. बुखार भी तपा रहा है. सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. ओपीडी में 42 मरीज पहुंचे. इनमें 18 को रेफर करना पड़ा. मौसम विज्ञानी ने कहा कि हीट वेव अत्यधिक गर्म मौसम की अवधि है, जो आमतौर पर दो या उससे अधिक दिनों तक रहती है. जब तापमान किसी दिये गये क्षेत्र के सामान्य औसत से अधिक हो जाता है, तो उसे हीट वेव कहते हैं. लू की घटनाएं मौसम में दिन-प्रतिदिन बदलाव का एक स्वाभाविक हिस्सा है. मौसम विज्ञानी डॉ पांडेय ने बताया कि जब मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो लू चलने लगती है. यदि तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो यह खतरनाक लू की श्रेणी में कहा जाता है.
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