गुवा.
गुवा के पश्चिमी पंचायत भवन में बालश्रम रोकने के लिये बाल अधिकार सुरक्षा मंच की टीम व मुखिया ने बैठक हुई. बैठक में पूर्वी पंचायत की मुखिया चांदमनी लागुरी ने बालश्रम रोकने पर चर्चा की. कहा गया कि इसके लिए जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है. सभी दुकान के आगे पोस्टर चिपकाया जायेगा. पोस्टर से संदेश दिया जोयगा कि छोटे-बड़े व्यापारी घरेलू व निजी कार्य में यदि वैसे बच्चों से काम करवा रहा है जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम है तो यह बाल मजदूरी की श्रेणी में आयेगा. 1986 बाल-श्रम निषेद कानून के तहत यह अपराध है. यदि कोई कानून के विरुद्ध जाकर बच्चों से श्रमबाल या मजदूरी करवाता है तो उसपर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए 2 साल की कारावास के साथ 25 हजार रुपए तक का जुर्माना का प्रावधान है. बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराकर उसे विद्यालय से जोड़ने का कार्य करने का निर्णय लिया गया. मौके पर पूर्वी पंचायत मुखिया सह बाल अधिकार सुरक्षा मंच के अध्यक्ष चांदमनी लागुरी, वार्ड मेम्बर जानो चातार, वार्ड सदस्य सुमित्रा पूर्ति, बेलमती कैवर्त, जेंडर सीआरपी गीता देवी, जीपीसीएम कृष्णा गोप, वेणुधर दास, सताक्षी दास, बाल अधिकार मंच से अनुराधा राव, महादेवी सिन्हा, संजू कर्माकार, लता कर्माकर सहित अन्य उपस्थित थे.दीवार लेखन कर लोगों को जागरूक किया
गुवा के पश्चिमी पंचायत के विभिन्न गांव में क्लस्टर की महिलाओं व जेएसएलपीएस जेंडर सीआरपी ममता देवी व गीता देवी ने दीवार लेखन कर बालश्रम को लेकर लोगों को जागरूक किया. लोगों को जागरूक करते हुए गीता देवी ने कहा कि बालश्रम करवाना एक जघन्य अपराध है. गुवा पश्चिमी एवं पूर्वी पचायत को बालश्रम मुक्त घोषित किया गया है. पंचायत में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के कार्य में लगाने वाले पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. कानूनी कार्रवाई के अंतर्गत 2 वर्ष की जेल व 25 हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है