रांची़ द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, नयी दिल्ली की डायरेक्ट टैक्सेज कमेटी और ऑडिट एंड एश्यूरेंस बोर्ड ने सेमिनार का आयोजन किया. विषय था : कंपनी ऑडिट और एमएसइ ट्रांजेक्शन. नयी दिल्ली के विशेषज्ञ सीए कमल गर्ग ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट में एक ऑडिटर के लिए यह निर्धारित करना काफी महत्वपूर्ण है कि जिस कंपनी का अंकेक्षण किया जा रहा है, वह कारो (कंपनीज ऑडिटर्स रिपोर्ट ऑर्डर) के दायरे में आती है या नहीं. इसके लिए कंपनी अधिनियम में जो शर्तें हैं, उसको अंकेक्षक को महत्वपूर्ण रूप से देखना जरूरी है. एक ऑडिटर को अधिकतम कंपनियों के ऑडिट के लिए संख्या भी निर्धारित की गयी है. नयी दिल्ली के विशेषज्ञ सीए मनोज मित्तल ने कहा कि वित्त अधिनियम 2023 में धारा 43 बी (एच) शामिल की गयी है. इसमें कहा गया है कि आपूर्ति की गयी वस्तुओं या दी गयी सेवाओं के लिए सूक्ष्म और लघु उद्यमों को दी गयी कोई भी राशि उसी वर्ष में कटौती की जा सकती है. यदि इसका भुगतान सूक्ष्म, लघु और मध्यम द्वारा निर्धारित समय सीमा 45 दिन के भीतर किया जाता है. सेमिनार में रीजनल काउंसिल मेंबर सीए मनीषा बियानी, रांची शाखा की चेयरपर्सन सीए श्रद्धा बाग्ला ने भी विचार रखे. संचालन सीए तनुज जालान और सीए आकाश गुप्ता एवं धन्यवाद ज्ञापन रांची शाखा के सचिव सीए हरेंद्र भारती ने किया. आयोजन में रांची शाखा के उपाध्यक्ष सीए उमेश कुमार, कोषाध्यक्ष सीए अभिषेक केडिया, सीपीइ कमेटी के अध्यक्ष सीए निशांत मोदी और सीए प्रभात कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
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