Lok Sabha Election 2024 बिहार का समस्तीपुर जिला 1975 में पूर्व रेल मंत्री एलएन मिश्रा की हत्या और 1990 की राम रथ यात्रा के दौरान भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी के लिए सुर्खियों में रहा था. वहीं एक बार फिर लोकसभा चुनाव के कारण यह जिला फिर खबरों में है. नीतीश सरकार के दो मंत्रियों के बच्चे आमने-सामने हैं. एक मंत्री की बेटी एनडीए गठबंधन की ओर से चिराग पासवान की पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं, तो दूसरी ओर एक मंत्री का बेटा इंडिया गठबंधन की ओर से चुनावी मैदान में है.
मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी लोजपा (रा) के टिकट पर मैदान में हैं तो,मंत्री महेश्वर हजारी का बेटा सन्नी कांग्रेस के टिकट पर चुनावी लड़ाई के लिए कमर कस चुका है. इन दोनों उम्मीदवारों के कारण समस्तीपुर लोकसभा सीट का मुकाबला दिलचस्प हो गया है. इसमें दुविधा मंत्री महेश्वर हजारी के सामने है कि वे किसके प्रचार में जायेंगे, विरोधी खेमे से खड़े बेटा या एनडीए के उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे. हालांकि, महेश्वर हजारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर करते हुए अपने बेटे के फैसले से खुद को दूर कर लिया है. उन्होंने सन्नी के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले पर कहा था कि यह उनका अपना फैसला है. मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. मेरी निष्ठा पूरी तरह से नीतीश कुमार के प्रति है. उल्लेखनीय है कि फिलहाल महेश्वर हजारी जदयू के मधेपुरा लोकसभा सीट के प्रभारी हैं.
सन्नी के पिता और दादा इस सीट से रह चुके हैं सांसद
कांग्रेस उम्मीदवार सन्नी हजारी समस्तीपुर के कद्दावर दलित नेता महेश्वर हजारी के बेटे हैं. महेश्वर हजारी इस सीट से सांसद भी रह चुके हैं. सन्नी के दादा भी सांसद रह चुके हैं. पिता बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं और फिलहाल नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. खुद सन्नी स्थानीय राजनीति में लगातार सक्रिय हैं. प्रखंड प्रमुख भी रहे हैं. इस सीट से लोजपा के टिकट से स्वर्गीय रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान 2014 और 2019 में चुनाव जीते थे. उनकी असमय मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में स्वर्गीय रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज ने चुनाव जीता था.
शांभवी को भी विरासत में मिली है राजनीति
एनडीए से चुनाव लड़ने वाली शांभवी बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं. लेडी श्रीराम कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की पूर्व छात्रा 25-वर्षीया शांभवी दलितों के पासी वर्ग से आती हैं. उनके दादा महावीर चौधरी सूबे के कद्दावर नेता रहे हैं. शांभवी की शादी पूर्व आइपीएस और महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल के बेटे सायण कुणाल से हुई है. दलित समुदाय से आने वालीं शांभवी के पति भूमिहार समाज से आते हैं.