सिमुलतला. थाना क्षेत्र के खुरंडा गांव निवासी भाई-बहन की अद्भुत समझ क्षमता चर्चा का विषय बन रही है. जानकारी के अनुसार खुरंडा गांव निवासी प्रेम पंडित के 13 वर्षीय पुत्र ऋषि व 10 वर्षीय पुत्री राशि आंख पर पट्टी बांधकर भी सुब कुछ पढ़ सकती है, रंगों की पहचान कर सकती है. दोनों भाई-बहन आंखों पर पट्टी बांध कर यह भी बता देते हैं कि सामने वाला व्यक्ति क्या पहने हुए है, कितने का नोट है, नोट पर क्या लिखा हुआ है, आधार कार्ड का रंग व उसमें क्या लिखा है, मोबाइल पर आया मैसेज, कोई भी किताब आसानी से पढ़ लेते हैं. दोनों भाई-बहन बताते हैं कि हम दोनों भाई-बहन सूंघकर व छूकर किसी भी चीज की जानकारी देते सकते हैं. ऐसा करने को लेकर हमें देखने की आवश्यकता नहीं होती है. ऋषि व राशि की इस प्रतिभा को देखकर लोग आश्चर्यचकित हो कर रहे हैं. ऋषि ने बताया कि मुझे देखकर ही मेरी बहन राशि कुमारी भी इस कला को सीखने लगी है. नकारी के अनुसार ऋषि एम्बेसी मल्यालम सीनियर सेकेंड्री स्कूल जयपुर में आठवीं कक्षा का छात्र है और उसकी बहन राशि जयपुर स्थित विकास विद्यापीठ सेकेंड्री स्कूल की पंचम कक्षा की छात्रा है. ऋषि ने बताया कि मैं और मेरी बहन जो कर रहे हैं वह कोई जादू नहीं है. यह सुपर ब्रेन एक्टिवेशन का कमाल है. इस शिक्षा को ब्रेन रीडर (मस्तिष्क पाठक) या त्राटक विद्या कहा जाता है इसकी पढ़ाई होती है. पिता प्रेम पंडित ने बताया कि इस शिक्षा में पूर्ण रूप से पारंगत हो जाने पर सामने वाले व्यक्ति की सोच को भी पढ़ा जा सकता है. दीवार के पार के कमरे में रहे सामानों के बारे में भी बताया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मैं जयपुर शहर में ही रहकर नौकरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था. मेरी पत्नी रूपा देवी की तबीयत खराब हो गयी थी, तभी उसे इलाज के लिए जयपुर ले गया. पत्नी के लंबे इलाज के कारण बेटा-बेटी को भी ले गया और ऋषि का नामांकन जयपुर स्थित विकास विद्यापीठ सेकेंड्री स्कूल में कराया. जहां स्कूल के शिक्षक ने ब्रेन रीडर की पढ़ाई के बारे में बताया. ऋषि की रुचि को देखते हुए उसका सुपर ब्रेन एक्टिवेशन की पढ़ाई के लिए नामांकन करा दिया. इस कोर्स की पढ़ाई में एक वर्ष में तीस हजार रुपये खच आता है. ऋषि को देखकर उसकी बहन राशि ने भी इसकी पढ़ाई करना चाहा, जिसके बाद उसका भी नामांकन करा दिया. लोकसभा चुनाव में वोट देने अपने बच्चों के साथ सिमुलतला स्थित अपने घर खुरंडा आये हैं. तभी लोगों को हमारे बच्चे की जानकारी मिली है. क्षेत्र के लोग उनके घर पहुंचकर दोनों भाई-बहन से मिलकर सबकुछ जानने का प्रयास कर रहे हैं. शिक्षक दिलीप पंडित, खुरंडा के पूर्व मुखिया बालदेव यादव, उनके दादा कार्तिक पंडित सहित दर्जनों लोगों ने दोनों भाई-बहन की प्रतिभा की सराहना की. ऋषि कुमार ने बताया कि यह कोर्स तीन वर्ष का है. हमने डेढ़ वर्ष का कोर्स पूरा किया है. इसमें दस विषय की पढ़ाई होती है. इसमें रंग पहचान, किताब पढ़ना, छू व सूंघ कर बताना, कोई व्यक्ति किस अवस्था में है यह बताना, पैसे की पहचान, किसी भी दुर्गम रास्ता में चलना, साइकिल चलाना, एक किमी के दायरे के अंदर का बिना देखे किसी भी तरह का एक्टिविटी को बताना, सामने की व्यक्ति का मन की बात पढ़ना, पीठ व दीवार के पीछे की वस्तु की पहचान करना इनके बारे में बताया जाता है. ऋषि ने बताया कि मेरा उद्देश्य है कि मैं यह कोर्स पूरा कर देश की सेवा कर सकूं. राशि ने बताया कि यह कोर्स पूरा करने का उद्देश्य है, परीक्षा के पूर्व एक नजर किसी भी किताब को देख लेने से पूरी किताब की छवि मेरे दिमाग में उतर जायेगा और बड़े ही आसानी से किसी भी परीक्षा में अच्छा अंक ला सकूंगा.
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