खुटौना. तापमान बढ़ने से भूजल स्तर नीचे गिरते जा रहा है. जिससे बाजार से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल की समस्या बढ़ गई है. प्रखंड के निकट से बह रही सुगरवे नदी में भी पानी की धारा भी कम हो गई है. लौकहा से पूरब भूतही बलान नदी में धूल उड़ रही है. प्रखंड क्षेत्र में अधिकतर स्थानों पर चापाकल पानी देना बंद कर दिया है. कहीं-कहीं चापाकल से पानी की बूंदें टपक रही है. स्थिति ऐसी है कि प्रखंड के कुछ ही पंचायतों में चापाकल पानी दे रहा है. निजी चापाकल ही लोगों को प्यास बुझाने का सहारा है. प्रखंड के रामेश्वर भारती, पूर्व उप मुखिया संतोष कुमार साह, प्रोफेसर श्रवण मंडल , मिनटु शहजादा, उमेश घोष एवं कृष्ण कुमार पंडित सहित दर्जनों लोगों ने कहा कि कुछ वर्ष पहले गर्मी के मौसम में भी कुआं एवं तालाब मिले जाते थे. लेकिन अब तो इक्का दुक्का को छोड़ कहीं भी नजर नहीं आ रहा है. गांवों में कुएं का नामोनिशान तक मिटता जा रहा है. हाट बाजार आने वाले लोग दुकान से बोतल बंद पानी खरीदकर प्यास बुझा रहे है. पीएचईडी विभाग के जूनियर इंजीनियर चंदन ने कहा कि पेयजल को लेकर खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की हालत तो ठीक है. किसी तरह लोग काम चला लेते हैं. विभाग नल-जल योजना को दुरुस्त करने में जुटी है. पानी की सप्लाई भी की जा रही है.
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