चक्रधरपुर.
चक्रधरपुर प्रखंड की होयोहातु पंचायत में लगभग दो हजार फीट उंची पहाड़ी पर बसा लांजी गांव के ग्रामीण आज भी मुलभूत समस्याओं से जुझ रहे हैं. गांव में पक्की सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को लंबी दूरी तय कर ऊंची पहाड़ी से लगभग छह किमी दूर दड़कादा गांव आना पड़ता है. वहीं सबसे ज्यादा परेशानी बीमार व गर्भवती महिलाओं को होती है. गुरुवार को एक गर्भवती महिला को खटिया पर लादकर पहले दड़कादा गांव लाया गया. उसके बाद गर्भवती महिला को ममता वाहन से चक्रधरपुर के अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया. बताया जाता है कि लांजी गांव निवासी चंद्र भूमिज की पत्नी अलीषा भूमिज को प्रसव पीड़ा होने पर उसे परिजनों व स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से खटिया पर लादकर दो हजार फीट ऊंची पहाड़ी से पथरिले रास्ते होते हुये दड़कादा गांव लाया गया. इसके बाद अनुमंडल अस्पताल को सूचना देने पर ममता वाहन दड़कादा गांव पहुंची. जहां से महिला को ममता वाहन में चक्रधरपुर के अनुमंडल अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया. इस संबंध में चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अंशुमन शर्मा ने बताया कि लांजी गांव ऊंची पहाड़ी पर बसा है. इस कारण वहां उप स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है. यहां से छह किमी दूर पहाड़ के नीचे दड़कादा गांव में स्वास्थ्य केन्द्र है. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि दड़कादा के उप स्वास्थ्य केंद्र में डाॅक्टर नहीं रहते. एएनएम के भरोसे यह उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित होता है. वहीं लांजी गांव की आबादी लगभग 850 की है. गांव के एक ग्रामीण ने बताया कि महीने में लांजी गांव में एएनएम जांच के लिए नहीं पहुंचती है. यहां कभी भी डाॅक्टर नहीं आते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है