26 बीजी 8 में बड़कागांव चौक में खुलेआम ट्रैक्टर से अवैध बालू की ढुलाई करते ट्रैक्टर बड़कागांव .जहां एक ओर सरकारी महकमा लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं ,वहीं उनकी नजरों से बचाकर इसका लाभ बालू का अवैध कारोबार करने वाले उठा रहे हैं. बालू माफिया की लाखों रुपये की कमाई हो रही है. जिससे सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है. एनजीटी द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद भी ट्रैक्टरों से बालू की ढुलाई की जा रही है. वन विभाग के पदाधिकारी कहना है कि बालू खनन के लिए अब तक टेंडर नहीं हुआ है. आखिर किसके इशारे पर यह अवैध खनन की जा रही है. हालांकि प्रशासन द्वारा कभी कभी कार्रवाई के नाम पर अवैध बालू लदे एक या दो ट्रैक्टरों को जब्त किया जाता है. जबकि इस क्षेत्र में 350 से अधिक ट्रैक्टर बालू के अवैध कारोबार में लगे हुए हैं. बड़कागांव के विभिन्न नदियों में बालू उत्खनन 24 घंटा जारी रहता है. बालू के दोहन से नदियों का अस्तित्व खतरे में है. जलस्तर नीचे चल जा रहा है. नदी में बने कई पुलों का अस्तित्व खतरे में है. क्या कहना जिला परिषद सदस्य का जिला परिषद सदस्य यासमीन निशा एवं उनके प्रतिनिधि मोहम्मद इब्राहिम का कहना है कि बालू पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए .क्योंकि बड़कागांव में बालू खनन के कारण जलस्तर नीचे चल जा रहा है. आने वाला समय में लोगों को घर बनाने में भी दिक्कत होगी. अगर इस पर रोक नहीं लगेगी तो आंदोलन करेंगे. इन नदियों का हो रहा है दोहन बड़कागांव आंचलिक क्षेत्र के बादम के बदमाही नदी, आंगो स्थित दामोदर नदी, सांढ़, विश्रामपुर के बड़की नदी, हहारों नदी, बड़कागांव थाना के बगल में मंझला बाला नदी, छवनिया नदी, सिरमा नदी, चोरका पंडरिया नदी, झरिवा नदी, नयाटांड़ के कुमरडीहा, तलसवार, शिवाडीह, गोंदलपुरा, पतरा, पलांडू, सतबहिया, महुदी, सोनपुरा, सिंगार सराय आदि नदियों से बालू का उत्खनन जोरों पर है. अधिकांश ट्रैक्टरों एवं टर्बो से बालू को ढक कर नहीं ढोया जाता जिसके कारण बालू सड़कों में गिरते जाता है. धूलकण भी उड़ते रहता है. जिससे सड़क दुर्घटना होती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है