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किसानों पर बरप रहा है अग्निदेव का प्रकोप, लाखों का फसल जलकर खाक

किसानों पर बरप रहा है अग्निदेव का प्रकोप

लखीसराय. भीषण गर्मी एवं धूप की तपिश को लोग सहन कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ किसानों के फसल पर अग्निदेव का कहर बरपा रहा है. अग्निदेव के प्रकोप का शिकार अभी तक तीन दर्जन से अधिक किसान शिकार हो चुके है. किसानों के फसल को बचाने के लिए अग्निशामक विभाग भी फेल हो रहे है. इसका मुख्य कारण यह है कि भीषण गर्मी एवं धूप की तपिश से किसानों के फसल इतना पक कर सुख चुकी है कि हल्की चिंगारी भीषण आग का रूप ले चुका होता है और जब तक अग्निशामक की वाहन घटनास्थल पर पहुंचता है तब तक किसानों का फसल जल कर नष्ट हो जाता है. अगलगी की घटना बड़हिया के टाल से शुरू हुई है. बड़हिया टाल क्षेत्र में बिजली के तार से निकले चिंगारी के कारण घटना घटी थी. जिसमें किसानों के कई बोझा मसूर के फसल जलकर राख हो गया, जिसके बाद सूर्यगढ़ा थाना क्षेत्र के चंदनपुरा बाध में अगलगी की घटना में लगभग 10 बीघा गेहूं के खेत में अगलगी की घटना में आधा दर्जन से अधिक किसानों का फसल जलकर राख हो गया. उसके बाद मेदनीचौकी के धीरा गांव में एक ट्रक से गेहूं के बोझा लाने के क्रम में बिजली तार के संपर्क में आने से लगभग दो बीघा में लगी गेहूं के फसल नष्ट हो गया. इस तरह अग्निदेव जिले के विभिन्न जगह पर अपना रौद्र रूप दिखाकर किसानों के फसल को खाक में मिला दिया. किसान के फसल जल जाने से वह पैमाल हो गए बुधवार को हलसी के बघौर किशनपुर गांव में अज्ञात कारण से आग लग जाने से किसान के एक सौ बीघा में लगे गेहूं एवं चना का बोझ जलकर राख हो गया. घटना इतनी तेजी से घट रही है अग्निशामक के पहुंचने पूर्व फसल जलकर इस कदर राख हो जाती है कि उसका अवशेष भी नहीं बच पाता है. इस तरह की आपदा किसानों के साथ हो रही है. किसानों को नहीं मिलता है फसल जल जाने के बाद मुआवजा किसानों के फसल जल जाने के बाद उन्हें आपदा विभाग से किसी तरह की राहत नहीं मिलती है. यहां तक की किसान के फसल का बीमा होने के बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं दिया जाता है. किसान बैंकों का चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन लंबा प्रोसेस होने के कारण अंत में वे मुआवजा की राशि को संतोष कर अपने खेती में पुनः लग जाते हैं. अलग-अलग बैंकों से अलग-अलग बीमा कंपनियों का संपर्क होता है और बीमा कंपनी अपने-अपने तरीके से लंबी जांच पड़ताल की प्रक्रिया बताकर किसानों बता देते हैं, किसानों का मनोबल ही टूट जाता है. हालांकि जिले के एक दो किसानों के द्वारा ही फसल बीमा लिया जाता है. जिसके कारण उन्हें फसल बीमा नहीं मिल पाता है. इधर, आपदा से किसानों को फसल का मुआवजा देने का नियम आया हुआ है. नये नियम के तहत नष्ट फसल का मूल्यांकन के अनुसार उन्हें मुआवजा दिया जाना है. इसके लिए सभी सीओ को प्रति नियुक्त किया गया है. बोले अधिकारी इस संबंध में वरीय उप समाहर्ता सह एसडीएस बैंकिंग के खिलाफत अंसारी ने बताया कि फसल मुआवजा को लेकर दर निर्धारित कर लिया गया है. इसके लिए सभी सीओ को पत्र भेजा गया है. निर्धारित दर के अनुसार ही किसानों को मुआवजा दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए सीओ द्वारा जांच पड़ताल भी किया जाना है. इधर, एलडीएम संजीव कुमार ने बताया कि फसल बीमा कम किसानों द्वारा लिया जाता है. फसल बीमा का हैवी एमाउंट का प्रीमियम होने के कारण किसानों द्वारा फसल बीमा नहीं लिया जाता है. जिसके कारण किसान को फसल बीमा नहीं मिल पाता है. ————————————————————–

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