मधुबनी. अभी न तो बरसात का मौसम है और न ही मानसून की कोई सुगबुगाहट है. पर शहरवासी यह सोचकर परेशान हो रहे हैं कि यदि इस दौरान लगातार बारिश हो गई तो शहर के मोहल्ले डूबने लगेंगे और जलजमाव से आम जनजीवन फिर तबाह हो जाएगा. शहर के लोग बीते कई सालों से जलजमाव की परेशानी से जूझ रहे हैं. हालांकि शहर में ड्रेनेज सिस्टम बहाल करने के लिए स्टार्म ड्रेनेज प्रोजेक्ट के तहत शहर में कैनालों के पक्कीकरण का कार्य बीते 4 सालों से चल रहा है. लेकिन इसके निर्माण की गति इतनी धीमी है की इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में अभी कुछ साल और लगेंगे. शहर में जल निकासी के लिए तीन कैनाल वाटसन, किंग्स एवं राज कैनाल के पक्कीकरण का काम करना है. लेकिन जहां निर्माण कार्य नहीं चल रहा है उस कैनाल की सफाई अति आवश्यक है. कैनाल गाद से पटा हुआ है. पिछले बरसात में कैनालों की सफाई की खानापूर्ति के बाद दुबारा इसकी सफाई नहीं की गई है. जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण शहर के कई इलाके झील में तब्दील हो जाते हैं. शहर में बरसात के दिनों में लोगों के घरों और दुकानों में पानी जमा हो जाता है. जलजमाव के कारण मोहल्ले में दुर्गंध फैलने लगता है और संक्रामक बीमारियों के फैलने बढ़ने की आशंका बन जाती है. नहीं होती है नालों एवं कैनालों की पूरी उड़ाही प्रतिवर्ष बरसात पूर्व नालों एवं कैनालों की सफाई की खानापूर्ति की जाती है. 70 फीसदी नालों एवं कैनालों की सफाई नहीं की जाती है. कुछ हिस्सों को सफाई कर छोड़ दी जाती है जिसके कारण जल निकासी पूरी तरह नहीं हो पाती है. मौजूदा दौर में नगर निगम का कार्य योजना धरातल पर नहीं दिखाई दे रहा है. क्योंकि बरसात आने से पहले हमेशा की तरह पुराने नालों की उड़ाही कर दी जाती है. इससे इतना जरूर होता है कि कुछ मोहल्लों में तत्काल पानी निकल जाता है. पर यदि अधिक बारिश हो गई तो संकट जस का तस रह जाता है. कुछ जगहों पर नाला निर्माण के तकनीकी त्रुटियों के कारण सड़कों पर पानी जमा हो जाता है.
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