मधुबनी . अब स्वास्थ्य स्थिर होने तक मरीजों को आईसीयू और सीसीयू वार्ड से जेनरल वार्ड में शिफ्ट नहीं किया जायेगा. इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा पर मेडिकल कालेज अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों के आईसीयू के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है. मेडिकल कालेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों में बेड की क्षमता का 5 से 25 प्रतिशत बेड का आईसीयू होना अनिवार्य होगा.
एक आईसीयू में होंगे अधिकतम 12 बेड
सिविल सर्जन डाॅ नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कुछ दिनों पहले गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के संबंध में एक मामले की सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किया गया है. निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. समिति द्वारा आईसीयू और सीसीयू में भर्ती और इलाज से संबंधित जानकारी विभाग को अपनी अनुशंसा भेजा है. स्वास्थ्य विभाग ने समिति की अनुशंसा को मंजूर करते हुए मेडिकल कालेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों को इसे लागू करने का निर्देश दिया है. अस्पतालों में कुल बेड की क्षमता का 5 से 25 प्रतिशत आईसीयू बेड अनिवार्य किया गया है. एक आईसीयू में 12 बेड से अधिक नहीं हो सकता है. एक बेड से दूसरे बेड की दूरी 150 से 200 वर्ग फीट होनी चाहिए. मरीज के सिर वाले हिस्से में बेड की दूरी दीवार से दो फीट दूर होनी चाहिए. सभी बेड के साथ आधुनिक कार्डियो रेस्पिरेटरी मॉनिटरिंग की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य
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