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सारण में रूडी और रोहिणी के बीच दिलचस्प होगा चुनावी मुकाबला

रूडी को जीत की हैट्रिक लगाने तो रोहिणी को पिता की विरासत बचाने की ललक, अबतक एक भी महिला को छपरा का सांसद बनने का नहीं मिल पाया मौका.

छपरा. लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. भाजपा से राजीव प्रताप रूडी व राजद से रोहिणी आचार्य मैदान में हैं. इस बार का चुनावी मुक़ब्8 दिलचस्प है. बीते पांच दशक से वर्षों से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का राजनीति का गढ़ कहे जाने वाले सारण संसदीय सीट पर बीजेपी सांसद रूडी भी पांचवी बार जीतने के साथ-साथ लगातार तीसरी जीत के साथ हैट्रिक बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. वहीं लालू की लाडली रोहिणी आचार्य कभी अपने पिता की राजनीतिक कर्मस्थली रही छपरा सीट जो विगत दो लोकसभा चुनाव 2014 तथा 2019 से उनके परिवार के हाथ से निकल गयी है. उसे पाने के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रही है. दोनों लगातार मतदाताओं के बीच जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं. दोनों प्रत्याशी स्थानीय व राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे भी जनता के सवालों से घिरे हैं. रूडी मोदी की गारंटी का हवाला देकर लगातार तीसरी बार संसद पहुंचने के लिए प्रयासरत हैं. वहीं रोहिणी पिता के आशीर्वाद व कार्यकर्ताओं में दिख रहे जोश के दम पर मुकाबले में खड़ी हैं.

लालू ने सारण से चार बार दर्ज की है जीत

1977 में पहली बार छपरा के सांसद रहे लालू प्रसाद ने चार बार अपनी जीत दर्ज की है. वहीं लालू यादव के चारा घोटाले में सजा होने व चुनाव लड़ने पर रोक के बाद वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के राजीव प्रताप रुडी से लालू प्रसाद की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आरजेडी उम्मीदवार के रूप में 40 हजार से ज्यादा मतों से पराजित हो गयी थी. वहीं 2019 में लालू प्रसाद के समधि व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय के पुत्र व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री चंद्रिका राय को भी भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार एक बार फिर सारण संसदीय क्षेत्र में रघुवंशी एवं यदुवंशी के बीच आमने-सामने लड़ाई होनी तय है. भले ही गत चुनावों की तरह इस बार भी दर्जन भर उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाने की तैयारी में है. जिनमें अमनौर के पूर्व विधायक शत्रुघन तिवारी उर्फ चोकर बाबा आदि उम्मीदवार शामिल है.

रोहिणी के समक्ष पिता की विरासत बचाने की भी चुनौती

1957 से अबतक सारण संसदीय क्षेत्र जो पूर्व में छपरा संसदीय क्षेत्र के नाम से जाना जाता था. 2008 में परिसीमन के बाद सारण संसदीय क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. परिसीमन के बाद हुए पहली लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र का भूगोल तो बदल गया जिसमें तरैया विधानसभा क्षेत्र महाराजगंज संसदीय क्षेत्र में चल गया. अबतक कभी भी महिला सांसद सारण संसदीय सीट से नहीं जीत पायी है. 1957 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की महिला उम्मीदवार लीला देवी वर्मा ने अपना भाग्य आजमाया था. परंतु, जब पूरे देश में कांग्रेस की हवा के बावजूद उस समय भी प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह ने 75994 मत पाकर 73646 मत पाने वाली लीला देवी वर्मा को पराजित कर दिया था. वहीं बिहार की प्रथम महिला मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमों की पत्नी राबड़ी देवी को भी सारण संसदीय क्षेत्र का संसद सदस्य बनने का सपना अधूरा रह गया है. अब उनकी बेटी रोहिणी आचार्य को पिता की विरासत बचाने व महिला सांसद के इतिहास को बनाने की जिम्मेवारी है. हालांकि वे लगातार अपने समर्थकों के साथ दिन रात क्षेत्र में मतदाताओं से महागठबंधन के पक्ष में मतदान की अपील कर रही है. अब देखना है कि यदुवंशी व रघुवंशी की लड़ाई में किसके सिर छपरा सांसद का ताज सुशोभित होता है.

स्थानीय मुद्दों को लेकर मुखर है जनता

चुनाव अभियान शुरू होने के साथ ही जनता भी स्थानीय मुद्दों को लेकर काफी मुखर हो चुकी है. सोशल मीडिया पर इन दिनों सारण से जुड़े मुद्दों को लेकर जोरदार बहस छिड़ी हुई है. कई लोगों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर कम मिले हैं. पुराने कल कारखाने को शुरू करने के मुद्दे भी इस बार चुनाव में हावी हैं. राजद सुप्रीमो लालू यादव भी छपरा के कार्यक्रम में मढौरा चीनी मिल को शुरू नहीं करने के लिए सांसद राजीव प्रताप रूडी को दोषी ठहरा चुके हैं. वहीं सांसद रूडी भी सारण में उनके प्रयास से कराये गये विकास की योजनाओं के बलबूते मतदाताओं के बीच जनसंपर्क कर रहे हैं.

एक नजर में : सोनपुर, परसा, अमनौर, गड़खा छपरा, मढ़ौरा है सारण संसदीय क्षेत्र में

सारण संसदीय क्षेत्र में के छह विधानसभा क्षेत्रों में मढ़ौरा में कुल 2 लाख 85 हजार 374 मतदाताओ में एक लाख 36 हजार 278 महिला.

छपरा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं में 3 लाख 36 हजार 708 मतदाताओं में एक लाख 60 हजार 475 महिला मतदाता.

गड़खा विधानसभा में कुल मतदाता 3 लाख 17 हजार 901 में एक लाख 50 हजार 208 महिला मतदाता.

अमनौर विधानसभा में कुल मतदाता दो लाख 71 हजार 763 में एक लाख 30 हजार 93 महिला मतदाता.

परसा विधानसभा के कुल मतदाता दो लाख 78 हजार 726 मतदाताओं में एक लाख 33 हजार 267 महिला मतदाता.

सोनपुर विधानसभा के कुल मतदाता दो लाख 97 हजार 409 मतदाताओं में एक लाख 40 हजार 981 महिला मतदाता.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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