वार्ता में तय होने के बाद काम शुरू, इ-सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए इंजीनियरों की टीम ने मापी की
ये तय हुआ –
1. इ सेवा केंद्र बनाने के लिए कोर्ट बिल्डिंग के बगल में दीवार व वहां बैठने वाले वकीलों की झोपड़ी तोड़कर पोटा केबिन रखा जायेगा.
2. तोड़े गये विधायक फंड से बने पार्क का सौदर्यीकरण का काम शुरू किया जायेगा.3. दीवार के आगे बैठने वाले वकीलों काे बैठने का इंतजाम किया जायेगा.
मुख्य संवाददाता, जमशेदपुर
जमशेदपुर सिविल कोर्ट परिसर के अंदर इ-सेवा केंद्र बनाने के लिए पोटा केबिन रखने के दूसरे दिन शुक्रवार को भी विरोध जारी रहा. सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर साढ़े 12 बजे तक कोर्ट बिल्डिंग के मुख्य द्वार के समक्ष सैकड़ों वकीलों ने बैठकर विरोध प्रकट किया. हालांकि इस बीच वकीलों का प्रतिनिधिमंडल स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन राजेश शुक्ला, जिला बार एसोसिएशन तदर्थ कमेटी के संयोजक लाला अजित कुमार अंबष्ठ, तापस मित्रा व अन्य जिला प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा के साथ मिलकर बात की, इसमें वकीलों की भावना से अवगत करते हुए एक के बाद एक घटना के कारण उत्पन्न मौजूदा स्थिति की जानकारी देते हुए उसका निराकरण की बात हुई. इसमें इ-सेवा केंद्र बनाने के लिए कोर्ट बिल्डिंग के बगल में दीवार व वहां बैठने वाले वकीलों का झोपड़ी तोड़कर पोटा केबिन रखने, तोड़े गये विधायक फंड से बने पार्क का सौदर्यीकरण का काम शुरू करने, दीवार के आगे बैठने वाले वकीलों का बैठने का इंतजाम करने पर तय हुआ. बिंदूवार इन तीनों चीजों का अनुपालन नहीं होने पर वकीलों का तो आंदोलन जारी रहेगा.
बैठक यह बनी रणनीति
इधर कोर्ट परिसर में दो दिनों से उत्पन्न स्थिति को लेकर वकीलों ने बैठक की. इसमें जिला जज के साथ हुई वार्ता की जानकारी देते हुए आगे के आंदोलन की रणनीति बनानी गयी. इसमें वार्ता में जिला जज के साथ हुए निर्णय का अनुपालन होने के बाद ही काम पर वापस लौटने का निर्णय लिया. बैठक में अजय सिंह राठौर, संजीव रंजन बरिहार, देवेंद्र सिंह, विजेंद्र कुमार सिंह, अक्षय कुमार झा, जाहिद इकबाल, जितेंद्र कुमार दुबे, प्रवीण कुमार सिंह समेत 200 से ज्यादा वकील मौजूद थे.
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