पटना. शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि स्कूलों में निरीक्षण के लिए प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रखंड/ अनुमंडल स्तर पर आवासन (रहने की जगह ) संबंधी कागजात/ प्रमाण पत्र मसलन बिजली बिल, मकान मालिक का एकरारनामा और संबंधित दूसरे कागजातों की जांच करें. इनके आवासन सही पाये जाने के बाद ही पदाधिकारियों एवं कर्मियों को अप्रैल का वेतन निकासी की जाये. इस आशय की चिठ्ठी शिक्षा विभाग के प्रशासन निदेशालय के निदेशक सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखी है. दरअसल शिक्षा विभाग ने रोस्टर के अनुसार राज्य के सभी विद्यालयों में निरीक्षण के लिए सैंकड़ों की संख्या में पदाधिकारी और कर्मचारी पदस्थापित/ प्रतिनियुक्त किये हैं. विभाग को समीक्षा के दौरान हाल ही में जानकारी मिली है कि रोस्टर के हिसाब से ये पदाधिकारी विद्यालयों के पदाधिकारी निरीक्षण नहीं कर रहे हैं. यह भी तथ्य सामने आया है कि ऐसे पदाधिकारी/ कर्मचारी अपने प्रतिनियुक्त स्थल पर अपना आवासन न रख कर जिला मुख्यालयों पर रह रहे हैं. इसकी वजह से रोस्टर के हिसाब से स्कूलों के निरीक्षण नहीं हो पा रहे हैं. कई मामलों में निरीक्षण प्रभावित हो रहे हैं. शिक्षा विभाग ने इसे गंभीर विषय माना है. लिहाजा प्रशासन निदेशक चौधरी ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के लिए प्रखंड स्तर पर पदस्थापित अथवा प्रति नियुक्त किये गये पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रखंड कार्यालय स्तर पर रहना सु सुनिश्चित कराएं. विशेष परिस्थितियों में ही ऐसे कर्मी अनुमंडल स्तर तक अपना आवासन रख सकते हैं.
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