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RBI: जल्द कई स्मॉल फाइनेंस बैंक बनेंगे रेगुलर बैंक, रिजर्व बैंक ने मांगा आवेदन, जानें आप पर क्या होगा असर

RBI: रिजर्व बैंक के द्वारा स्मॉल फाइनेंस बैंक को रेगूलर बैंक में परिवर्तित करने का मौका दिया जा रहा है. इसके लिए शीर्ष बैंक के द्वारा आवेदन मांगा गया है. रिजर्व बैंक ने नवंबर, 2014 में निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) को लाइसेंस देने से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए थे. इस समय, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक सहित करीब एक दर्जन एसएफबी हैं.

RBI: देश के लोगों को जल्द ही कई नये रेगुलर मिलने वाले हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसके लिए स्मॉल फाइनेंस बैंकों से आवेदन मांगा है. अगर, सब कुछ सामान्य रहा तो जल्द ही उन्हें रेगुलर या यूनिवर्सल बैंक का दर्जा दिया जा सकता है. बताया जा रहा है कि आरबीआई ने 1,000 करोड़ रुपये के न्यूनतम शुद्ध संपत्ति (नेटवर्थ) होने समेत निर्दिष्ट मानदंडों को पूरा करने वाले छोटे वित्त बैंकों से आवेदन आमंत्रित किया है. रिजर्व बैंक ने नवंबर, 2014 में निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) को लाइसेंस देने से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए थे. इस समय, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक सहित करीब एक दर्जन एसएफबी हैं.

क्या है आवेदन की नियम और शर्त

केंद्रीय बैंक ने कहा कि नियमित बैंक बनने का लक्ष्य रखने वाले एसएफबी की पिछली तिमाही के अंत में न्यूनतम शुद्ध संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए. इसके अलावा उस बैंक के शेयर किसी मान्यता प्राप्त शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने चाहिए. बीते दो वित्त वर्षों में इस एसएफबी का शुद्ध लाभ भी होना चाहिए और पिछले दो वित्त वर्षों में उसका जीएनपीए (सकल एनपीए) और एनएनपीए (शुद्ध एनपीए) क्रमशः तीन प्रतिशत और एक प्रतिशत से कम या उसके बराबर होना चाहिए. आरबीआई ने शेयरधारिता के संदर्भ में कहा कि पात्र एसएफबी के लिए एक चिह्नित प्रवर्तक होने की कोई अनिवार्यता नहीं है. हालांकि, पात्र एसएफबी के मौजूदा प्रवर्तक, यदि कोई हैं, नियमित बैंक में तब्दील होने पर प्रवर्तक के रूप में बने रहेंगे. इसके अलावा, संक्रमण अवधि के दौरान पात्र एसएफबी के लिए नए प्रवर्तकों को शामिल करने या उनमें बदलाव की मंजूरी नहीं दी जाएगी.

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2019 में जारी हुआ था नियम

दिसंबर 2019 में आरबीआई ने एसएफबी को नियमित बैंकों में बदलने से संबंधित प्रक्रिया निर्धारित की थी. शीर्ष बैंक ने अपने निर्देश में कहा है कि स्मॉल फाइनेंस बैंक के प्रमोटरों के लिए कोई विशेष नियम नहीं है. मगर, यूनिवर्सल बैंक बनने के बाद भी प्रमोटर वहीं रहने चाहिए. इसका अर्थ है कि बदलाव के दौरान आवेदक बैंकों को अपने प्रमोटर्स बदलने की इजाजत नहीं होगी.

क्या होगा खाताधारकों पर असर

जो स्मॉल फाइनेंस बैंक नियमित बैंक बनेंगे, उनके खाताधारकों पर सीधा कोई असर नहीं पड़ने वाला है. ये बैंकिंग की एक प्रक्रिया है. हालांकि, उनके खाते में जमा रुपया या बैंक में किया निवेश पहले से ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. ग्राहक हित के कई नियम बैंक में लागू हो जाएगें.

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