19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Vivah Muhurat 2024: अब नहीं होंगे कोई भी मांगलिक कार्यक्रम, दो मास के लिए थम गयी शहनाई की गूंज, जानें विवाह मुहूर्त

Vivah Muhurat 2024: अब शादी-विवाह, उपनयन, मुंडन, भूमि पूजन, गृहप्रवेश पर रोक लग जाएगी. शुक्र ग्रह के अस्त होने के चलते मई और जून महीने में विवाह मुहूर्त नहीं है. वहीं 16 जुलाई से 12 नवंबर तक चातुर्मास रहेंगे, जिसमें मांगलिक कार्य वर्जित है.

Vivah Muhurat 2024: खरमास की समाप्ति के बाद मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गयी थी, इसमे सनातन धर्मावलंबियों के शुभ कार्य में शादी-विवाह, उपनयन, मुंडन, भूमि पूजन, गृहप्रवेश आदि हो रहा था. 28 अप्रैल को इस महीने का अंतिम लग्न-मुहूर्त है, इसके बाद दो मास मई व जून में दो प्रमुख ग्रह के अस्त हो जाने से मांगलिक कार्यक्रम नहीं होंगे. इस अवधि में शादी विवाह जैसे शुभ कार्यों पर रोक लगी रहेगी. वहीं जुलाई से नवंबर तक चातुर्मास के कारण विवाह-शादियों जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. आइए जानते है मिथिला और बनारसी पंचांग के अनुसार कुल शादी विवाह के मुहूर्त कितने है-

मई व जून में नहीं होगे विवाह संस्कार

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, विवाह संस्कार के शुभ योग के लिए गुरु, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है. चूंकि 29 अप्रैल दिन सोमवार को पूर्व दिशा मे शुक्र ग्रह अस्त हो रहे है. फिर छह मई को पश्चिम दिशा में गुरु ग्रह अस्त हो जायेगा. इन दो प्रमुख ग्रहों के अस्त हो जाने से मांगलिक कार्यक्रम पर ब्रेक लग जायेगा. प्रमुख ग्रहों के अस्त या नीच होने की स्थिति में विवाह का शुभ मुहूर्त नहीं होता है. जुलाई महीने में शुक्र के उदय होने के बाद शादी-ब्याह का सिलसिला शुरू हो जायेगा. फिर 17 जुलाई को हरिशयन एकादशी के बाद से चार महीने के लिए मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे.

Also Read: शनि ग्रह को शांत करने के लिए क्या उपाय करना चाहिए? जानें ज्योतिषीय टोटके

चातुर्मास के कारण 16 जुलाई से 12 नवंबर तक नहीं होंगे विवाह

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी यानि आषाढ़ शुक्ल एकादशी है. वहीं 12 नवंबर को देव उठनी एकादशी यानि कार्तिक शुक्ल एकादशी है. 17 जुलाई देवशयनी एकादशी यानि आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी 12 नवंबर तक चार माह देव शयन काल होता है, इस अवधि में विवाह समेत मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी. चातुर्मास के कारण 16 जुलाई से 12 नवंबर तक भी विवाह नहीं होंगे. विवाह के लग्न मुहूर्त देखते समय गुरु और शुक्र ग्रह का अच्छी स्थिति में होना जरूरी होता है, इनमें से एक भी ग्रह अस्त होने या खराब स्थिति में होने पर उस तिथि में विवाह का मुहूर्त नहीं बनता है. देवगुरु बृहस्पति और शुक्र देव को विवाह के लिए कारक माना जाता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में हैं तो जल्द शादी के योग बनते हैं, इन दोनों ग्रहों के कमजोर होने पर विवाह में बाधा आने लगती है.

Also Read: Shukrawar ke Upay: शुक्रवार की रात करें यह अचूक उपाय, आर्थिक तंगी से मिलेगा छुटकारा

मिथिला पंचांग में 3 तो बनारसी में 7 लग मुहूर्त
जुलाई महीने में शुक्र के उदय होने के बाद शादी-ब्याह का सिलसिला शुरू हो जायेगा. पंचांगीय गणना के अनुसार मिथिला पंचांग में जुलाई में कुल 3 लग मुहूर्त है. वहीं बनारसी पंचांग मे 7 मुहूर्त है.

मिथिला पंचांग के अनुसार : मई: 1, जुलाई: 10,11,12
बनारसी पंचांग के मुताबिक : जुलाई: 9, 10, 11, 12, 13, 14 व 15, नवंबर: 16,17, 22, 23, 24, 25, 26, 28 व 29 और दिसंबर: 2, 3 ,4, 5, 9, 10, 11, 14 और 15

ज्योतिष संबंधित चुनिंदा सवालों के जवाब प्रकाशित किए जाएंगे
यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें