स्मार्ट सिटी जूरन छपरा मोड़ डीएम आवास से लेकर सरैयागंज टावर तक कंपनी बाग रोड रंगबिरंगी डेकोरेटिव लाइट से जगमगा उठा है. रात्रि में इस रास्ते से गुजरने पर पता ही नहीं चलता है कि यह मुजफ्फरपुर की सड़क है. रात्रि का नजारा देख ऐसा लगता है कि वाकई में शहर स्मार्ट दिखने लगा है. हालांकि, अभी इस रास्ते में काफी काम होना बाकी है. अभी स्मार्ट सिटी के सूतापट्टी फेस लिफ्टिंग प्रोजेक्ट के तहत कंपनी बाग रोड के बीचो-बीच बने डिवाइडर और बिजली के खंभे को सजाया गया है. कुल 50 डेकोरेटिव लाइट लगाये गये हैं.
इसके अलावा सड़क के दोनों तरफ के पेड़ व दीवारों को सजा दिया गया है. कंपनी बाग रोड के अलावा बैंक रोड-धर्मशाला चौक, इस्लामपुर रोड, सूतापट्टी मुख्य रोड, गोदाम गली और सरैयागंज टावर से पंकज मार्केट रोड में ऑक्टेगनल स्ट्रीट लाइट लगाया गया है. सड़क व नाला निर्माण के अधूरे कार्य पूरा होने के बाद शेष हिस्से में भी लाइट को लगा दिया जायेगा. निर्माण एजेंसी को 30 अप्रैल तक प्रोजेक्ट को पूरा करने की आखिरी डेडलाइन तय की गयी है. हालांकि, इसमें अब महज तीन दिनों का ही समय शेष रह गया है. ऐसे में अधूरे कार्य को पूर्ण करना एजेंसी के लिए मुश्किल होगा. बता दें कि इस प्रोजेक्ट की कुल लागत राशि 36.72 करोड़ रुपये है. इसमें से अब तक एजेंसी को 32.38 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.
सीवरेज के मेन होल निर्माण के कारण रुका है सड़क का कार्य
सरैयागंज टावर से सदर अस्पताल रोड मोड़ तक कंपनी बाग रोड के एक लेन का निर्माण अभी बाकी है. बताया जाता है कि सीवरेज प्रोजेक्ट पर काम करने वाली एजेंसी को इस रास्ते में जगह-जगह मेनहोल का निर्माण करना है. चुनाव को देखते हुए मेन होल का निर्माण रोक दिया गया है. लोक सभा चुनाव के बाद मेन होल निर्माण कराने के साथ सड़क का भी निर्माण पूरा होगा.
एनओसी नहीं मिलने के कारण रुका है अंडरग्राउंड बिजली कनेक्शन
सूतापट्टी फेस लिफ्टिंग प्रोजेक्ट के तहत ही अंडरग्राउंड बिजली सप्लाई के लिए तार बिछाया गया है. इसमें जूरन छपरा मोड़ डीएम आवास से लेकर सरैयागंज टावर चौक पंकज मार्केट तक 1150 मीटर में अंडरग्राउंड बिजली तार बिछाई गयी है. इसके अलावा सूतापट्टी मेन रोड में 250 मीटर, टावर से सिकंदरपुर रोड में 50 मीटर, गोदाम गली में 120 मीटर, बैंक रोड में 510 मीटर और इस्लामपुर रोड में 450 मीटर अंडरग्राउंड तार बिछायी गयी है. अब लोगों के घरों व दुकानों में इसी से बिजली का कनेक्शन जोड़ना है. हालांकि, बिजली कंपनी से स्मार्ट सिटी एजेंसी को एनओसी नहीं मिल सका है. इस कारण कनेक्शन जोड़ने की प्रक्रिया में विलंब हो रही है.