जोड़ापोखर.
जियलगोड़ा मानस मंदिर के प्रांगण में 52वां नौ दिवसीय वार्षिक मानस महाधिवेशन के चौथे दिन गाजीपुर (यूपी) से पधारे राम कथा वाचक अखिलेश चंद्र उपाध्याय ने कहा कि जिस परमात्मा को हजारों मुख वाले शेषनाग पार नहीं पाए, देवी सरस्वती भी पार नहीं पाए, उस ईश्वर को हमारे जैसा तुच्छ प्राणी पार पाना चाहे, तो कहां संभव है. ईश्वर को पार पाने का आसान तरीका भक्ति है. अयोध्या से आये बाल व्यास अशोकानंद तिवारी ने कहा कि भगवान की कथा स्वर्ग जाने के लिए नहीं सुनना चाहिए, बल्कि परिवार को स्वर्ग बनाने के लिए सुनना चाहिए. भगवान कथा पूरे परिवार के साथ स्मरण करना चाहिए. क्योंकि अगर शीशे की तरह टूटने के कगार पर हो, तो उसे रामचरित्र मानस कथा बचा सकती है.तीसरा पीढ़ी ने रखा मंच पर कदम:
10 वर्षीय बालक आयुष पाठक ने शिव तांडव व हनुमान चालीसा का पाठ किया, जिसे भक्तों ने खूब सराहा. अतुष के पिता अनिल पाठक मंच पर संगीतमय रामचरित्र मानस पाठ करते हैं. जबकि दादा रामबालक शरण पूर्व में भी पाठ कर चुके है. इस अवसर पर सुबह परायणाचार्य पंडित अनिल पाठक की टीम द्वारा रामायण पाठ किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में मानस सत्संग समिति के धर्मेंद्र राय, पिंटू अग्रवाल,जोगेंद्र सिंह,सिधेश्वर भारती, अनुभवक पंडित, धर्मवीर राय, बृजेश राय, सुनील वर्मा, शिव कुमार दुबे, उमेश सिंह, मोहन साव आदि थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है