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इस्पात उद्योग में नये मानक स्थापित करने के लिए परिवर्तन लायें और प्रदर्शन करें : अतनु भौमिक

‘चुनौती’ नामक विशेष संवाद सत्र में कर्मीसमूह को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आइये हर कदम पर बेजोड़ प्रदर्शन सुनिश्चित कर इस्पात उद्योग में नये मानक स्थापित करने के लिए अपनी प्रक्रियाओं, मानसिकता और परिणामों को तदनुसार बदलें.

राउरकेला. राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के निदेशक प्रभारी (डीआइसी) अतनु भौमिक ने शनिवार को गोपबंधु सभागार में आयोजित ‘चुनौती’ नामक विशेष संवाद सत्र में कर्मीसमूह को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आइये हर कदम पर बेजोड़ प्रदर्शन सुनिश्चित कर इस्पात उद्योग में नये मानक स्थापित करने के लिए अपनी प्रक्रियाओं, मानसिकता और परिणामों को तदनुसार बदलें. मंच पर कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) एसआर सूर्यवंशी, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन तथा अतिरिक्त प्रभार कर्यापाल निदेशक परियोजनाएं) तरुण मिश्रा, कार्यपालक निदेशक (खान) आलोक वर्मा और कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) एके बेहुरिया भी उपस्थित थे. विशेषतः यह ‘चुनौती’ पारस्परिक संवाद श्रृंखला का दूसरा संस्करण था जिसे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों और प्रमुख रणनीतिक पहलों के बारे में कर्मचारियों को सूचित और सम्मिलित करने के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है.

उत्पादन लागत कम करने पर ध्यान केंद्रित करें

निदेशक प्रभारी ने कहा कि बाजार की गतिशीलता और आगत लागत हमारे नियंत्रण से परे हैं. हालांकि, हमें प्रक्रिया दक्षता को अनुकूलित करने, कच्चे माल के उपयोग को नियंत्रित करने और खासकर संयंत्र में कहीं भी किसी भी तरह के ब्रेकडाउन या अप्रत्याशित घटनाओं को न होने देने के शपथ लेते हुए उत्पादन लागत को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. भौमिक ने कर्मीसमूह से अलग ढंग से सोचने और परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए नवाचार को अपनाने का आग्रह किया. उन्होंने निर्बाध संचालन और लागत दक्षता प्राप्त करने में पूर्वानुमानित रखरखाव के महत्वपूर्ण महत्व पर भी जोर दिया. निदेशक प्रभारी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ब्लास्ट फर्नेस-4, हॉट स्ट्रिप मिल-1 जैसी आर्थिक रूप से अव्यवहार्य इकाइयों से उत्पादन बंद करने की प्रमुख रणनीतिक पहल के बीच चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रत्येक कर्मचारी की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने इस्पात नगरी को स्वच्छ, हरा-भरा और निवासियों के लिए अधिक मनोरंजक बनाने के लिए संयंत्र की विभिन्न पहलों के बारे में भी बात की.

लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आठ सूत्री रणनीति पर दी प्रस्तुति

श्री सूर्यवंशी ने संयंत्र के प्रदर्शन, चुनौतियों और अवसरों, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लक्ष्यों, प्रत्येक इकाई के लिए विशिष्ट लक्ष्यों और विजयी होने के लिए आठ सूत्री रणनीतियों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी. उन्होंने एसडब्ल्यूओटी (ताकत, कमजोरी, अवसर और खतरा) विश्लेषण के माध्यम से आरएसपी के सामने आने वाली चुनौतियों और आगामी वित्तीय वर्ष में इसे दूर करने की रणनीतियों के बारे में सही को अवगत कराया. बेहुरिया ने ब्लास्ट फर्नेस-4, सीआरएम और एचएसएम-2 को चलाने से होने वाले वित्तीय असर के बारे में बताया. उन्होंने विभिन्न परिदृश्यों की तुलना की और लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ-साथ आरएसपी की बॉटम-लाइन यानि कि शुद्ध लाभ रेखा में सुधार के लिए सर्वोत्तम परिदृश्य पर प्रकाश डाला. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्पादन की मात्रा के अलावा लागत और गुणवत्ता भी समान रूप से महत्वपूर्ण है. बाद में, विचार विमर्श सत्र के दौरान, कर्मचारियों ने उत्पादन, उत्पादकता, रखरखाव और सुरक्षा मुद्दों से संबंधित सुझाव दिये. अपने समापन भाषण में निदेशक प्रभारी ने विचार-विमर्श का सारांश दिया और कहा कि आरएसपी को देश में गुणवत्ता वाले स्टील के सबसे कम लागत वाले उत्पादकों में से एक बनाने के लिए सभी को ठोस प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया. इससे पहले, सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई. बाद में जनसंपर्क विभाग द्वारा बनायी गयी प्रेरक वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया. प्रबंधक (एचआरडीसी) विनीता तिर्की ने कार्यक्रम का संचालन किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम में कई मुख्य महाप्रबंधकगण, विभागाध्यक्ष, शिफ्ट प्रभारी और खान समूह सहित आरएसपी के विभिन्न विभागों के लगभग 500 कर्मचारी शामिल हुए.

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