रांची. रिम्स के मेडिसिन और सर्जरी आइसीयू में सुधार की जरूरत है. यहां आधारभूत संरचना में बदलाव की जरूरत है. यहां लगे उपकरण अक्सर खराब रहते हैं. इस कारण मरीजों के इलाज में परेशानी होती है. वहीं, आइसीयू के मानकों के अनुसार, नर्सिंग और पारा मेडिकल स्टाफ की भी कमी है. एक या दो नर्स पर 32 से 36 गंभीर मरीजों की देखभाल का जिम्मा है. जबकि, इंडियन नर्सिंग काउंसिल के हिसाब से महत्वपूर्ण वार्ड में एक या दो मरीज पर एक नर्स होना चाहिए. इधर, रिम्स प्रबंधन का भी मानना है कि आवश्यकता के हिसाब से यहां मैनपावर की काफी कमी है. सीनियर डॉक्टरों की संख्या 350 के करीब है. 450 की संख्या में नर्सिंग स्टाफ हैं. इसके अलावा सीनियर रेजिडेंट और असिस्टेंट प्रोफेसर की भी कमी है. डॉक्टर और मैनपावर की कमी दूर करने के लिए रिम्स की ओर से विज्ञापन निकाला जाता है, लेकिन कई विभागों में डॉक्टर नहीं मिलते हैं. हालांकि, प्रबंधन का कहना है कि आचार संहिता खत्म होते ही नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. आइसीयू को भी अपग्रेड किया जायेगा. इसके लिए उपकरण की खरीद की जायेगी.
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