कोलकाता. श्रमिक का दर्जा देने की मांग पर लंबे समय से आंदोलन कर रहे यौनकर्मियों ने मजदूर दिवस के दिन काम बंद रखने का फैसला लिया है. एक मई को पूरे विश्व में मजदूर दिवस मनाया जाता है. इस दिन आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर तमाम कल-कारखानों व दफ्तरों में छुट्टी रहती है. अपनी मांग के समर्थन में लंबे समय से लड़ाई लड़ रही दुर्बार महिला समन्वय समिति मजदूर दिवस के दिन मशाल जुलूस निकाल कर श्रमिक का दर्जा देने की मांग करती है. इस बार समिति ने फैसला लिया है कि कल-कारखानों व दफ्तरों की तरह मजदूर दिवस के दिन यौनकर्मी भी छुट्टी मनायेंगी. समिति की तरफ से बताया गया कि एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी में कार्यरत यौनकर्मियों को मजदूर का दर्जा देने की लड़ाई लड़ रहे हैं. किसी सरकार ने भी अभी तक उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया है. इस मामले को लेकर वे अदालत भी गये थे, लेकिन वहां से भी उन्हें मजदूर का दर्जा नहीं मिला. दुर्बार महिला समन्वय कमेटी की सचिव विशाखा लश्कर ने बताया कि देह बेच कर जो लोग अपनी आजीविका चलाते हैं, वे भी मजदूरों की श्रेणी में आते हैं. लेकिन उन्हें मान्यता देने में सरकार कोताही बरत रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है