रांची: सीयूजे (झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय) में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के स्नातकोत्तर कार्यक्रमों (पीजी कोर्स) में एडमिशन को लेकर 29 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. इस वर्ष 440 सीटों पर नामांकन होगा. अभ्यर्थी 12 स्नातकोत्तर कोर्स में इस वर्ष नामांकन ले सकेंगे. सीयूईटी पास अभ्यर्थियों का ही पीजी कोर्स में एडमिशन होगा.
ये अभ्यर्थी ही एडमिशन के लिए करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन
सीयूजे में एनटीए द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट, पीजी) 2024 में प्राप्त अंकों के आधार पर नामांकन होगा. एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया वैसे अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं, जिन्होंने एनटीए द्वारा आयोजित सीयूईटी (पीजी) 2024 प्रवेश परीक्षा को क्वालीफाई किया हो एवं जिनके पास इस परीक्षा का वैलिड स्कोर कार्ड हो. इसके साथ ही जिन अभ्यार्थियों ने (सीयूईटी-पीजी) में ऑनलाइन आवेदन भरते समय झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) द्वारा नामांकन के लिए प्रस्तावित कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए विकल्प को चुना हो. ऐसे अभ्यर्थी सीयूजे के नामांकन के लिए रजिस्ट्रेशन के योग्य होंगे.
रजिस्ट्रेशन को लेकर ये है फीस
रांची के सीयूजे में नामांकन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर सामान्य/ईडब्ल्यूएस/ओबीसी श्रेणी के अभ्यर्थियों को आठ सौ (800) रुपए, एससी एवं एसटी श्रेणी के अभ्यर्थियों को चार सौ (400) रुपए, दिव्यांग एवं सभी श्रेणी की महिला अभ्यर्थियों के लिए दो सौ (200) रुपए फीस रखी गयी है.
12 पीजी कोर्स में होंगे एडमिशन
सीयूजे (झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय) में कुल 12 स्नातकोत्तर कोर्स में इस वर्ष नामांकन होंगे. इसके लिए कुल सीटों की संख्या 440 है.
ये हैं नामांकन के लिए उपलब्ध कार्यक्रम
- एमएससी-जियोइन्फॉर्मेटिक्स, सांख्यिकी, जूलॉजी (भूविज्ञान)
- एमए-अंग्रेजी, लोक प्रशासन, राजनीतिक विज्ञान, तिब्बती भाषा, एमपीए थिएटर आर्ट और वोकल म्यूजिक
- एमबीए, बीएड एवं एमकॉम.
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस के उपलक्ष्य पर व्याख्यान
रांची: विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस के उपलक्ष्य पर झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग ने विशेष व्याख्यान का आयोजन किया. विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर विमल किशोर ने बौद्धिक संपदा के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि विश्व बौद्धिक संपदा दिवस का उद्देश्य लोगों को पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट और अन्य बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के विभिन्न तरीकों के बारे में जागरूक करना है, ताकि वे इस मूल्यवान संपदा को समझें और संरक्षित करें.
इन्होंने भी व्यक्त किए विचार
वर्ष 2024 की थीम पर चर्चा करते हुए शिक्षा स्कूल के डीन प्रोफेसर तपन कुमार बसंतिया ने कहा कि विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस 2024 एक महत्वपूर्ण अवसर है जिससे हम समझ सकते हैं कि बौद्धिक संपदा कैसे नवाचारिक और रचनात्मक समाधानों को प्रोत्साहित करती है और एक साझा भविष्य के निर्माण में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. शिक्षा विभाग के अन्य संकाय सदस्य डॉ शशि सिंह, डॉ मानवी यादव, डॉ विजय कुमार यादव, डॉ नीरा गौतम, डॉ मनोहर कुमार दास, एंजेल नाग, डॉ शिल्पी राज, डॉ रामकृष्ण रेड्डी तथा सुमंता हलदर ने भी इस विषय पर विचार व्यक्त किए.
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