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Food Combinations To Avoid : भूल से भी इन सब्जियों संग न खाएं दही, बढ़ जायेगी परेशानी

दही अपने प्रोबायोटिक गुणों के लिए बेशकीमती है, जो आंत के स्वास्थ्य रखने और पाचन में सहायता करता है. लेकिन इसे कुछ सब्जियों के साथ खाने पर पाचन संबंधी परेशानी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं.

Food Combinations To Avoid : गर्मियों के दिनों में आमतौर पर दही की खपत बढ़ जाती है. क्योंकि, दही की तासीर ठंडी होने की वजह से लोग इसका खूब सेवन करते हैं. दही से लस्सी, रायता, छाछ और यहां तक कि इससे मीठे डिश भी बनाया जाता है. दही अपने प्रोबायोटिक गुणों के लिए बेशकीमती है, जो आंत के स्वास्थ्य रखने और पाचन में सहायता करता है. ऐसे में दही अपने आप में काफी फायदेमंद है, लेकिन इसे कुछ सब्जियों के साथ खाने पर पाचन संबंधी परेशानी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं. जानिए उन सब्जियों के बारे में, जिनका बेहतर पाचन के लिए दही का सेवन करते समय परहेज करना चाहिए.

टमाटर

टमाटर का उपयोग लगभग सभी व्यंजनों में प्रमुख रूप से किया जाता है. टमाटर की प्रकृति अम्लीय यानी खट्टी होती है. दही में भी खट्टापन होता है. लिहाजा, दही और टमाटर एक साथ खाने से एसिडिटी और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसके साथ ही दही में लैक्टिक एसिड की मौजूदगी टमाटर में प्रोटीन को कम कर सकती है, जिससे पाचन संबंधी परेशानी बढ़ सकती है. इसलिए एसिडिटी और पाचन संबंधी परेशानी से बचने के लिए दही आधारित व्यंजनों से अलग टमाटर का सेवन करना सबसे अच्छा है.

खीरा

शरीर को हाइड्रेट रखने और ताजगी का अहसास दिलाने में खीरा अहम भूमिका निभाता है. खीरे में पानी की मात्रा भी अधिक होती है. दही की प्रकृति ठंडी होती है. दही के साथ खीरा खाने से पेट में सूजन या अपच की समस्या हो सकती है. खासकर, संवेदनशील पाचन तंत्र वाले लोगों के लिए. इसके अलावा दही और खीरे अलग-अलग टेंपरेचर पाचन अग्नि में असंतुलन पैदा कर सकता है, जिसे आयुर्वेद में अग्नि के रूप में जाना जाता है. इससे भोजन को ठीक से पचाने की शरीर की क्षमता कम हो जाती है. पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाये रखने के लिए दही से अलग खीरे का सेवन करना चाहिए.

करेला

दही के साथ करेले की सब्जी खाने से यह पाचन तंत्र पर काफी असर डालता है. इसलिए करेले को दही के साथ नहीं मिलाने की सलाह दी जाती है. दरअसल, करेले में ऐसे यौगिक होते हैं, जो पाचन संबंधी परेशानी पैदा कर सकते हैं और पेट की प्राकृतिक प्रक्रियाओं में दिक्कत पैदा कर सकते हैं. इसके अलावा दही का स्वाद खट्टा होता है. यह करेले की कड़वाहट को और बढ़ा सकता है. इससे करेला बिल्कुल भी खाने लायक नहीं रह पायेगा. दही और करेला एक साथ खाने से कुछ व्यक्तियों को सूजन, गैस और अपच की समस्या हो सकती है. लिहाजा, पाचन से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए दही और करेले को अलग-अलग खाना चाहिए.

प्याज

प्याज का इस्तेमाल लगभग हर व्यंजन में किया जाता है. खाने में प्याज का उपयोग करने से उसका स्वाद और सुगंध काफी बढ़ जाता है. हालांकि, दही के साथ प्याज का कॉम्बिनेशन ठीक नहीं है. क्योंकि, दही के साथ प्याज का सेवन करने से यह पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा, कुछ व्यक्तियों के लिए पेट फूलने या सूजन का कारण बन सकता है. प्याज में कुछ ऐसे यौगिक होते हैं, जिन्हें पचाना मुश्किल हो सकता है, खासकर जब दही जैसे डेयरी उत्पादों के साथ खाया जाता है. यही वजह है कि बेहतर पाचन को बढ़ावा देने और पेट से जुड़ी परेशानियों को कम करने के लिए दही को प्याज के साथ नहीं खाने की सलाह दी जाती है.

पालक

पालक कई पोषक तत्वों से भरपूर एक पत्तेदार हरी सब्जी है. शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए पालक का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए. यही कारण है कि पालक को अक्सर इसके स्वास्थ्य लाभों के लिए सराहा जाता है. हालांकि, दही के साथ पालक का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है. क्योंकि, दही के साथ जब पालक मिलाया जाता है, तो यह ऑक्सालेट के निर्माण करता है. ऑक्सालेट ऐसे यौगिक हैं, जो कैल्शियम अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं. इससे गुर्दे की पथरी हो सकती है. ऑक्सालेट के जोखिम को कम करने के लिए पालक को कच्चे की बजाय पकाकर खाना सबसे अच्छा है और इसे दही के साथ खाने से बचें.

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