अमित अंशु, मधेपुरा.
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय परिसर स्थित विश्वविद्यालय चिकित्सालय को ही दवा एवं डॉक्टर की दरकार है. पिछले कई वर्षों से विश्वविद्यालय चिकित्सालय में न तो एक भी डॉक्टर है और न ही कोई दवा उपलब्ध है. बीते कई वर्षों से तो विश्वविद्यालय चिकित्सालय के गेट का ताला तक नहीं खुला है. विश्वविद्यालय परिसर स्थित एसबीआई बैंक से सटे एक कमरे के बाहर बड़े-बड़े अक्षरों में विश्वविद्यालय चिकित्सालय का बोर्ड लगा हुआ है. साथ ही वहां विश्वविद्यालय चिकित्सालय के उद्घाटन शिलापट्ट के साथ-साथ और एक बोर्ड लगा हुआ है, जिसपर डॉक्टर का नाम, मरीज देखने का दिन व समय अंकित है. हालांकि इस बोर्ड को खुरच दिया गया है.
– वर्ष 2014 में विश्वविद्यालय चिकित्सालय का हुआ था उद्घाटन –
मालूम हो कि बीएनएमयू परिसर में बीएनएमयू के अधिकारियों, कर्मियों एवं छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आठ फरवरी 2014 को बीएनएमयू के तत्कालीन कुलपति प्रो डा आरएन मिश्र द्वारा विश्वविद्यालय चिकित्सालय का उद्घाटन किया गया था. उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर बीएनएमयू के तत्कालीन कुलसचिव डा कुमारेश प्रसाद सिंह, चिकित्सक डा रत्नेश्वर चौधरी एवं बीएनएमयू के तत्कालीन परिसंपदा पदाधिकारी प्रो शैलेंद्र कुमार उपस्थित थे. विश्वविद्यालय चिकित्सालय को लगातार सही रूप नहीं देने के कारण बाद के दिनों में वर्षों तक यह खुद बीमार रहा.
– वर्ष 2019 में चिकित्सालय का पुनः किया गया उद्घाटन –
वर्षों तक बीमार रहने के बाद वर्ष 2019 में एक बार फिर से विश्वविद्यालय चिकित्सालय के स्वस्थ होने की आस जगी और बीएनएमयू प्रशासन ने बीएनएमयू के तत्कालीन कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय के निर्देश पर 23 अक्टूबर 2019 को चिकित्सक डा असीम प्रकाश को संविदा के आधार पर पहले छह माह के लिए विश्वविद्यालय का चिकित्सक नियुक्त किया गया. चिकित्सक के नियुक्ति होने के 25 दिन बाद यानी 16 नवंबर 2019 को बीएनएमयू के तत्कालीन प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली द्वारा विश्वविद्यालय चिकित्सालय का पुनः उद्घाटन किया गया.
– छह माह तक चिकित्सक डा असीम प्रकाश ने दी थी सेवा –
सीमित संसाधन एवं दवा के अभाव के बावजूद चिकित्सक डा असीम प्रकाश ने छह महीने तक विश्वविद्यालय को सेवा दिया. जिसके बाद उनका कार्यकाल समाप्त हो गया और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया और विश्वविद्यालय चिकित्सालय पुनः बीमार पड़ गया, जो आज भी बीमार हालात में पड़ा हुआ है. बीएनएमयू के चिकित्सालय में डॉक्टर की नियुक्ति को लेकर कई छात्र संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कई बार मांग की, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने डॉक्टर की नियुक्ति के लिए कोई पहल नहीं की.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.