मधुबनी: जिला स्वास्थ्य समिति परिसर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त बीएमएसआईसीएल द्वारा 3 करोड़ 50 लाख रुपए से निर्मित 50 बेड का प्री फैब्रिकेटेड कोविड हॉस्पिटल विद्युत आपूर्ति नहीं होने के बेकार साबित हो रहा है. वर्तमान में इस अस्पताल को जिला स्वास्थ्य समिति का भंडारगृह के रूप में उपयोग किया जा रहा है. विदित हो कि कोरोना काल में संक्रमित मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्री- फैब्रिकेटेड अस्पताल का निर्माण किया गया था. लेकिन विडंबना यह है कि करोड़ों की लागत से निर्मित प्री-फैब्रिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में चिकित्सकीय कार्य नहीं किया जा रहा है. इस संबंध में प्रभारी अधीक्षक ने कहा कि विद्युत आपूर्ति नहीं होने के कारण इसमें चिकित्सीय सेवाएं शुरू नहीं की गयी है.
कोविड से निपटने के लिए 50 बेड का फील्ड अस्पताल
कोरोना के चौथे वेब के दस्तक के बाद स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर काफी गंभीर रहा. कोरोना से बचाव एवं विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया गया. इसी क्रम में कोविड के चौथे वेब जैसे आपदा से निपटने के लिए डीएचएस के समीप 50 बेड का कोविड फील्ड अस्पताल का निर्माण किया गया. इस अस्पताल को सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित बनाया गया. अस्पताल की आधारभूत संरचना में कंटेनर इंस्टॉल कर आधुनिक सुविधाओं से लैस वातानुकूलित और ऑक्सीजन सहित सुविधाओं से तैयार किया गया है. इस अस्पताल में कोविड मरीजों के अलावा अन्य मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जाता. सिविल सर्जन डाॅ नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि हॉस्पिटल को आधुनिक तरीके से वातानुकूलित बनाया गया है. हर बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई उपलब्ध कराई गई है. इसके अलावे वॉशरूम और अन्य तमाम सुविधाएं और सफाई व्यवस्था का उचित प्रबंध किया गया है.
10 बेड का आईसीयू अधर में
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