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आवास का दरवाजा तोड़ने से लेकर शव उतारने तक की हुई वीडियोग्राफी

आवास का दरवाजा तोड़ने से लेकर शव उतारने तक की हुई वीडियोग्राफी

विशुनपुरा में बीडीओ हीरक मन्ना केरकेट्टा की आत्महत्या की सूचना पाकर उनकी पत्नी ज्योति खलखो शनिवार की देर रात करीब 1:30 बजे रांची से विशुनपुरा पहुंची. उनके साथ बीडीओ की बड़ी बहन सुनैना केरकेट्टा, पत्नी का भाई आलोक खलखो व बहनोई महेश केरकेट्टा भी थे. परिजनों के आने के बाद ही पुलिस प्रशासन ने दरवाजा तोड़ कर शव को फांसी के फंदे से उतारा और अंत्यपरीक्षण के लिए एंबुलेंस के माध्यम से गढ़वा सदर अस्पताल भेजा. इस दौरान एसडीओ प्रभाकर मिर्धा और एसडीपीओ सत्येंद्र नारायण सिंह की उपस्थिति में पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करायी गयी. साथ ही गढ़वा से पहुंची फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल के हर एक पहलू की बारीकी से जाँच की. इसके बाद छत की सीलिंग में कुंडी के सहारे लगाये गये रस्सी के फंदे से शव को नीचे उतारा गया. बीडीओ का शव रस्सी के सहारे लटका हुआ था, लेकिन बायां पैर जमीन से सटा हुआ था. जबकि दाहिना पैर बगल में रखी कुर्सी से अटका हुआ था. सरकारी आवास से बीडीओ का शव निकालने के बाद दंडाधिकारी सह अंचलाधिकारी संदीप कुमार मद्धेशिया ने आवास सील कर चाबी विशुनपुरा पुलिस को सौंप दिया.

अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है : एसडीओ

इस संबंध में एसडीओ प्रभाकर मिर्धा ने बताया कि परिजनों के देर रात विशुनपुरा पहुंचने के बाद उनकी मौजूदगी में शव को फंदे से उतारा गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. परिजनों से भी जानकारी ली जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

शनिवार को दिनभर फंदे से झुलता रहा शव

बीडीओ हीरक मन्ना केरकेट्टा शनिवार को पूरे दिन ऑफिस नहीं गये थे. इसके बाद कुछ कर्मचारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराने के लिए करीब तीन बजे उनके आवास पहुंचे थे. तब आवास का दरवाजा बंद पाया गया. उसके बाद आवाज लगायी गयी, लेकिन दरवाजा नहीं खुला न ही कोई जवाब मिला. इसके बाद इसकी जानकारी सीओ को दी गयी. वहीं सीओ ने इसकी सूचना थाना प्रभारी राहुल कुमार सिंह को दी. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने खिड़की से देखा तो पाया कि बीडीओ का शव रस्सी के फंदे से लटक रहा है. शाम करीब 4.30 बजे घटना की जानकारी बीडीओ की पत्नी ज्योति बाखला को दी गयी. इस बीच पूरा प्रखंड परिसर पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया.

उपायुक्त को एवं थाना में पत्नी ने दिया आवेदन

बीडीओ की आत्महत्या की घटना को लेकर उनकी पत्नी ज्योति खलखो ने विशुनपुरा थाना एवं गढ़वा उपायुक्त को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने इस घटना को संदेहास्पद एवं काल्पनिक बताया है. पत्नी ने राजस्व उपनिरीक्षक जितेंद्र कुमार के साथ मारपीट की घटना को गलत बताया है. उन्होंने आवेदन में कहा है कि मृतक हीरक मन्ना केरकेट्टा शारीरिक रूप से काफी कमजोर थे. ऐसी स्थिति में वह किसी के साथ मारपीट नहीं कर सकते थे. उनके पति की प्रतिष्ठा को धूमिल तथा बदनाम करने के लिए राजस्व उपनिरीक्षक ने मारपीट व गालीगलौज करने का झूठा आरोप लगाया है. आवेदन में कहा गया है कि इस तरह की घटना आवास में रह रहे पदाधिकारी एवं कर्मियों द्वारा रोकी जा सकती थी. लेकिन किसी ने इसका प्रयास नहीं किया. आवेदन में कहा गया है कि शनिवार की सुबह करीब तीन बजे दूरभाष पर पति से तीन बार बात हुई थी. इसके बाद शनिवार को दिनभर बात नहीं हुई.

तीसरे बैच के बीडीओ थे

बीडीओ हीरक मन्ना केरकेट्टा ने प्रखंड कार्यालय में नवंबर 2021 को योगदान दिया था. जेपीएससी-2010 में क्वालीफाई करने वाले हीरक मूल रूप से सिमडेगा जिले के रहने वाले थे. शहर के डीएसपी गली रोड में उनका पैतृक आवास है. उनके पिता संतोष केरकेट्टा सिमडेगा कॉलेज में मानव विज्ञान विभाग के एचओडी थे. जबकि मां आनंदित केरकेट्टा सरकारी शिक्षिका थी. उनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है.

भाई-बहन अच्छे पदों पर : दिवंगत बीडीओ के नौ भाई बहन हैं. सभी भाई-बहन नौकरी करते है. सबसे छोटा भाई जसवंत केरकेट्टा वन विभाग में कार्यरत हैं और सिमडेगा जिले के कोलेबिरा में पदस्थापित है. जबकि दूसरा छोटा भाई उत्तम केरकेट्टा पायलट हैं. वह दिल्ली में रहते हैं. वहीं उनकी एक बहन शोभा रानी करकेट्टा नाबार्ड में उच्च पद पर पदस्थापित है. वहीं पत्नी ज्योती खलखो सरकारी शिक्षिका हैं. उनका एक 16 वर्षीय पुत्र रेक्स केरकेट्टा अभी पढ़ाई कर रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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