बैशाख की चिलचिलाती धूप और आसमान से आग उगलते गोले मानों कुदरत का बनाया हुआ हर जर्रा-जर्रा पेड़-पौधे, खेत-खलिहान सब कुछ तप रहा है. इस चिलचिलाती धूप व प्रचंड गर्मी में पंखा कूलर भी कुछ ज्यादा राहत नहीं दे पा रही है. तेज धूप के कारण केला, मखाना, गरमा धान व मक्का की फसल बर्बाद होने की चिंता किसानों को सताने लगी है. प्रचंड गर्मी में जहां निकलने में भी लोग काफी कतराने लगे हैं ऐसे में फसल को बचाने की चिंता की लकीरें किसानों के चेहरे पर स्पष्ट देखी जा रही है. वहीं मछली पालकों के लिए भी प्रचंड गर्मी व चिलचिलाती धूप परेशानी का सबक बना हुआ है. मछली पालकों मखाना कृषकों व गरमाधान की खेती करने वाले लोगों ने बताया कि इस फसल को बचाने के लिए जरूर से ज्यादा सिंचाई किया जा रहा है. परंतु दूसरे ही दिन पानी टिकने का नाम भी नहीं ले रहा है जिस कारण बार-बार सिंचाई करना पड़ रहा है. किसान ने बताया कि लगातार तेज धूप व गरम पछुआ हवा के कारण मखाना केला के फसल खराब होने की संभावना है. हालांकि जहां तक संभव हो सकता है हम कृषक फसल को बचाने के जुगाड़ में लगे हुए हैं. मखाना कृषकों ने कहा कि मखाना फसल में पानी के अधिक जमे रहने से पैदावार अच्छी होती है. परंतु तेज धूप के कारण सिंचाई करना संभव नहीं हो पा रहा है. मोटर व पंप सेट से हम लोग लगातार सिंचाई कर रहे हैं मगर जमीन भी इतनी प्यासी हो गई है. खूब पटवन करने के बावजूद भी पानी टीक नहीं पा रहा है्. वैज्ञानिकों के मुताबिक अभी आम लोगों को अगले एक सप्ताह तक प्रचंड गर्मी एवं हीट वेब और सतायेगी. वहीं चिकित्सकों का कहना है इस कड़कती धूप में बेवजह बाहर न निकले और अगर निकालने की विवशता हो तो पूरा शरीर ढक कर निकले और भूखे पेट तो हरगिज न निकले.
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