मधुबन. आर्ट ऑफ लिविंग परिवार के द्वारा प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीय मध्य विद्यालय बालक के प्रांगण में हो रहे हैप्पीनेस प्रोग्राम के दूसरे दिन रविवार को निलेश लाड ने बताया की सन् 1981 में परम पूज्य गुरुदेव हिमालय में 11 दिनों की कठिन तपस्या की थी, जिसके उपरांत पवित्र सुदर्शन क्रिया प्राप्त हुआ. तब गुरु जी ने सबसे पहले वहां के साधु महात्माओं को यह सुदर्शन क्रिया प्राप्त कराया. उन महात्माओं ने गुरु जी को बताया कि यह सुदर्शन क्रिया कुछ खास लोगों को ही दिया जाना चाहिये, जिसके बाद गुरुदेव ने कहा की यह पवित्र सुदर्शन क्रिया विश्व के सभी मानव तक पहुंचाना मेरा संकल्प हैं.सुदर्शन क्रिया के माध्यम से मनुष्यों के चेहरे पर मुस्कान होना बहुत लाना जरूरी है. वर्तमान समय में तकरीबन 182 देशों में आर्ट ऑफ़ लिविंग के तहत लोग इस सुदर्शन क्रिया से लाभान्वित हो रहे हैं. सुदर्शन क्रिया स्वस्थ जीवन जीने सबसे सरल व आवश्यक माध्यम है.मौके पर शुभंकर कुमार गुप्ता,शिवम कुमार,सिद्धार्थ कुमार,डा. दिवाकर दास,बच्चा ठाकुर,गन्नू प्रसाद,मनोहर लाल,विनोद कुमार गुप्ता,कृष्ण कुमार चौधरी,उदय प्रताप सिंह,सुबोध चौधरी,राजेश कुमार,राहुल कुमार,अभय प्रकाश,संजीत गुप्ता त्रिपुरारी गुप्ता,पीतांबर कुमार,प्रोफेसर अरविंद कुमार गुप्ता,प्रोफेसर नरेंद्र कुमार अकेला,परमहंस सिंह आदि उपस्थित थे.
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