मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय में सीनेट बैठक को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. हालांकि विलंब से ही सही, लेकिन एमयू प्रशासन को संबद्धता के लिए आवेदन देने वाले कॉलेजों की याद आ गयी. इसके लिए ही सोमवार को एमयू मुख्यालय में पूरे दिन बैठकों का दौर चलता रहा. इसमें संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले कॉलेजों को अनुमोदित किया गया. सोमवार को एमयू के सिंडिकेट सभागार में दो बैठक हुई. इसमें पहली बैठक न्यू टिचिंग एंड एफिलिएशन कमेटी तथा दूसरी एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो श्यामा राय ने की. जहां उनके साथ कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर भी थे. न्यू टिचिंग एंड एफिलिएशन कमेटी की बैठक में वैसे कॉलेज, जिनके द्वारा विश्वविद्यालय से विभिन्न सामान्य विषयों और वोकेशनल विषयों के लिए संबद्धता प्राप्त करने को लेकर आवेदन किया गया था. उन्हें संबद्धता दिये जाने पर चर्चा की गयी. इसके साथ ही इस दौरान एमयू द्वारा बीएड कॉलेजों को संबद्धता देने पर भी चर्चा की गयी. इसके तहत सभी बीएड कालेजों की जांच लिए गठित कमेटी के अनुशंसा के आलोक में संबंधन विस्तार पर चर्चा हुई. पांच अंगीभूत व तीन संबद्ध डिग्री कालेजों में वोकेशनल कोर्स जैसे बीसीए, बीबीए आदि की पढ़ाई जारी रखने पर चर्चा की गयी. इसमें आरडी कालेज शेखपुरा, आरडी एंड डीजे कालेज मुंगेर, बीआरएम कालेज मुंगेर, एसकेआर कालेज बरबीघा व आरएस कालेज तारापुर शामिल है. इसमें केवल आरडी कालेज ने आइसीटी रिपोर्ट प्रस्तुत की. इसके अलावे सात कालेजों में कला व विज्ञान संकाय के विभिन्न विषयों में संबंधन देने पर भी चर्चा हुई. इसके बाद एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई. इसमें न्यू टीचिंग एंड एफिलिएशन कमेटी में रखे गए विषयों के अलावा यूजी के सेमेस्टर-तीन से लेकर सेमेस्टर-आठ तक पाठ्यक्रम पर चर्चा हुई. मौके पर डीएसडब्ल्यू डॉ भवेशचंद्र पांडेय, सीसीडीसी डॉ दिवाकर कुमार, आरडी एंड डीजे कॉलेज के प्रचार्य प्रो प्रभात कुमार, विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान के प्राचार्य डा राजेश कुमार मिश्रा, जमालपुर कॉलेज जमालपुर के प्राचार्य प्रो ललन प्रसाद सिंह, डीएसएम कॉलेज झाझा के प्राचार्य प्रो अजफर शमसी, आरएस कॉलेज तारापुर के प्राचार्य डा यूएस दास आदि मौजूद थे.
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