JAC 12th Result 2024: हजारीबाग, जमालउद्दीन-हजारीबाग के इंटर साइंस कॉलेज की छात्रा रितिका कुमारी ने जैक बोर्ड द्वारा जारी इंटर साइंस के रिजल्ट में पूरे झारखंड में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. रितिका कुमारी को 482 अंक मिले हैं. भौतिकी में 97 अंक, रसायन शास्त्र में 93 अंक, गणित में 98 अंक, कंप्यूटर साइंस में 96 अंक, इएनए में 98 अंक प्राप्त हुए हैं. रितिका के झारखंड में दूसरा स्थान हासिल करने की खबर मिलते ही इंटर साइंस कॉलेज के शिक्षक और विद्यार्थी खुशी का इजहार करने लगे. मां की आंखों से भी आंसू छलक उठे.
मैकेनिकल इंजीनियर बनना है लक्ष्य
इंटर साइंस की सेकंड स्टेट टॉपर रितिका कुमारी ने बताया कि जी एडवांस परीक्षा दूंगी. इसमें सफल होकर मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहती हूं. बचपन से ही आविष्कार और नये-नये काम करने का शौक है. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. पिता जी की स्थायी नौकरी नहीं है. वे प्रिंटिंग प्रेस में काम करते हैं. इसलिए मैकेनिकल इंजीनियर बनकर पूरे परिवार को हर क्षेत्र में मजबूत बनाना चाहती हूं.
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टीवी-मोबाइल देखने का शौक नहीं
जैक बोर्ड 12वीं का रिजल्ट जारी होने के बाद रितिका कुमारी ने बताया कि उसे बचपन से ही टीवी, मोबाइल देखने का शौक नहीं है क्योंकि फालतू चीज देखकर समय बर्बाद नहीं करना चाहती. मैट्रिक पास अपने गांव के फ्लोरेंस एकेडमी हाईस्कूल सुल्ताना से की थी. मैट्रिक में 480 अंक लाकर अपने प्रखंड में टॉपर बनी थी. इसके बाद विज्ञान की पढ़ाई के लिए हजारीबाग के सबसे सर्वश्रेष्ठ कॉलेज इंटर साइंस कॉलेज में पढ़ने का सपना पूरा हुआ. कॉलेज की पढ़ाई के बाद घर में जो भी समय मिलता था, उसमें पढ़ाई करती थी. बैटमिंटन खेलने का शौक है, लेकिन परिस्थिति और साधन मेरे पास नहीं है. इसलिए बैटमिंटन नहीं खेल पाती हूं.
मैट्रिक में प्रखंड टॉपर रही है रितिका
रितिका ने बताया कि मैं काफी साधारण परिवार से हूं. मैंने जब से मैट्रिक में प्रखंड टॉप किया, मेरी मां पिंकी देवी हमेशा दिल से दुआ देती थी. परीक्षा देने जब कॉलेज जाती थी तो मां मुझे आशीर्वाद देती थी. उसके बाद परीक्षा देने जाती थी. टॉपर बनने पर मां की आंखों से आंसू छलक उठा. रितिका कुमारी ने बताया कि कॉलेज के प्राचार्य बसंत झा का फोन सबसे पहले आया कि उसे झारखंड में दूसरा स्थान हासिल हुआ है. यह बात सुनने के बाद मेरी मां की आंखों से आंसू छलक गया. यह क्षण मेरे जीवन में पहली बार आया है. मेरे परिवार के लोग काफी खुश हैं.
गांववालों के लिए प्रेरणा
हजारीबाग जिले के सुल्ताना गांव काफी पिछड़ा हुआ है. रितिका ने बताया कि गरीबी के कारण गांव के बच्चे मैट्रिक तक पढ़ाई करने के बाद रोजगार में लग जाते हैं. मेरे घर के हालात भी उसी तरह हैं. अब मैं टॉपर बन गयी हूं. गांव के लड़के और लड़कियां भी अब पढ़ाई की ओर जरूर ध्यान देंगे. आगे और मेहनत करके मैं इंजीनियर बनूंगी, तो इसका प्रभाव जरूर हमारे रिश्तेदार और आसपास के गांव के बच्चों पर पड़ेगा.
कॉलेज के शिक्षकों ने किया गाइड
रितिका ने बताया कि मेरी सफलता में इंटर साइंस कॉलेज की पढ़ाई और शिक्षकों का काफी योगदान है. मैं आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से रहने के कारण कॉलेज और घर की पढ़ाई पर ही केंद्रित थी. कॉलेज के शिक्षक हमेशा अलग से भी गाइड करते थे.
रितिका कुमारी का परिचय
रितिका कुमारी के पिता संजय साव हैं. माता पिंकी देवी हैं. परिवार हजारीबाग के सुल्ताना गांव का रहनेवाला है. परिवार में दो भाई और एक बहन है.
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