– गर्भवस्था के दौरान महिला का सरकारी अस्पताल में नियमित जांच नहीं हो रहा था वरीय संवाददाता, भागलपुर मायागंज अस्पताल में मंगलवार को नारायणपुर प्रखंड की सतियारा गांव निवासी पूनम देवी के एक बच्चे की मौत हो गयी. पूनम ने मंगलवार को नारायणपुर पीएचसी में ही जुड़वां बच्चे को जन्म दिया था. इनमें से एक लड़का व एक लड़की थी. इनमें से लड़के का वजन महज सवा किलो था. उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया गया. लेकिन इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गयी. बेटे की मौत के बाद पूनम देवी अपने मृत बच्चे को गोद में लेकर खूब रोयी. इमरजेंसी वार्ड के गेट पर शोर-शराबा होता देख अस्पताल कर्मियों ने महिला को डांट फटकार लगाकर बाहर निकाल दिया. गर्मी से महिला की हालत काफी बिगड़ रही थी. इसके बावजूद वह अस्पताल के बाहर ही जमीन पर बैठकर फिर से रोने लगी. पूनम के पति वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं था कि पत्नी के गर्भ में जुड़वा बच्चा था. जब बेटा ही खत्म हो गया तो अब बेटी का बिना इलाज कराये ही घर लौट रहे हैं. वीरेंद्र ने बताया कि उसे पहले से चार बेटी व एक बेटा है. वीरेंद्र की बात से पता चला कि महिला का सरकारी अस्पताल में नियमित जांच नहीं हो रहा था. मामले पर सिविल सर्जन डॉ अंजना कुमारी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग करायी जाती है. अस्पताल प्रभारी से रिकॉर्ड मंगाकर मामले की जानकारी ली जायेगी. हर माह नौ तारीख को होती है गर्भवती की जांच : प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत हर महीने की नौ तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं की जांच सरकारी अस्पतालों में की जाती है. प्रसव काल के दूसरी और तीसरी तिमाही में गर्भवती महिलाओं को प्रसवपूर्व देखभाल नियमित रूप से प्रदान की जाती है. इसके तहत दवा, पैथोलॉजी जांच, अल्ट्रासाउंड व अन्य तरह की जांच होती है. इसके लिए हेल्थकर्मी आशा की जिम्मेदारी होती है, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक लाये.
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