संग्रामपुर. सरकार को प्रतिवर्ष लाखों रुपए राजस्व देने वाला जिला परिषद संग्रामपुर बस स्टैंड में यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. सुल्तानगंज-देवघर मुख्य मार्ग में अवस्थित यह बस पड़ाव यात्रियों का मुख्य बस पड़ाव है. बावजूद यहां यात्रियों के विश्राम के लिए कोई जगह नहीं है और इस चिलचिलाती धूप में न ही पेयजल की व्यवस्था है और न ही शौचालय की.
बस स्टैंड में पानी व शौचालय की व्यवस्था नदारद
बस स्टैंड में यात्रियों के ठहरने के लिए शेड की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. जिससे यात्री अपना सर छुपा सके. अगर कोई यात्री स्टैंड के समीप वाले दुकान में रूक भी जाते हैं तो उन्हें दुकानदारों का कोपभाजन होना पड़ता है. स्टैंड में पेयजल के नाम पर एक चापाकल या नलकूप भी नहीं है. परिणामस्वरूप यात्रियों को प्यास बुझाने के लिए बंद बोतल पानी खरीदनी पड़ती है. इस जिला परिषद बस पड़ाव पर यात्रियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण शौचालय का भी अभाव है. यात्रियों को शौच लगने पर जगह तलाशनी पड़ती है. खासकर महिलाओं को काफी परेशानी होती है. मालूम हो कि सुल्तानगंज से इस बस पड़ाव की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है. जबकि देवघर से 70 किलोमीटर है. जहां दोनों ओर से यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है.जिला परिषद के बस स्टैंड में नहीं ठहरता है वाहन
वर्तमान समय में इस बस स्टैंड से महज कुछ ही दूरी पर लाखों रुपए खर्च कर जिला परिषद का बस स्टैंड बनाया गया है. जहां शौचालय सहित पेयजल के साथ-साथ दर्जनों दुकानों के लिए शेड तैयार किया गया है. साथ ही बस ठहराव की व्यवस्था के साथ-साथ यात्रियों के बैठने, शौचालय व पेयजल की व्यवस्था की गई है. परंतु विभाग के पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण यहां बस का ठहराव नहीं कर कर अवैध रूप से सुल्तानगंज-देवघर मुख्य मार्ग में अंबेडकर चौक के समीप सड़कों पर ही बस स्टैंड बना दिया गया है. जहां यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. इतना ही नहीं सड़कों पर ही बस पड़ाव होने से अंबेडकर चौक के समीप जाम की भी स्थिति बनी रहती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है