रांची. फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा कोविशील्ड वैक्सीन का साइड इफेक्ट होने की बात स्वीकार करने पर लोगों की चिंता बढ़ गयी है. कंपनी का कहना है कि कोविशील्ड का टीका लेनेवालों को थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) का खतरा हो सकता है. इसके तहत खून का थक्का बनने की वजह से ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक हो सकता है. हालांकि, राज्य के विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि कंपनी के इस बयान से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है. एनआरएचएम के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी ने कहा कि अभी भारत सरकार से इस संबंध में कोई गाइडलाइन नहीं आयी है. इसलिए अभी कुछ बोलना जल्दबाजी होगी.
विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि गंभीर और रिस्क फैक्टर वाले मरीजों को ज्यादा सावधानी बरतनी होगी. वहीं, टीका लेनेवाले वैसे लोग जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है, बीपी-डायबिटिज के मरीज हैं, कोलेस्ट्रोल बढ़ने की समस्या है, ब्लड डिस्क्रेमिया (रक्त विकार की बीमारी) की बीमारी है और डेंगू जैसी वायरल बीमारी की चपेट में आयें हो, उनको विशेषज्ञ ध्यान रखना है. इनको हर छह माह या एक साल पर ब्लड की जांच करानी चाहिए. इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता की जांच भी करानी चाहिए.एस्ट्राजेनेका के फॉर्मूला पर सीरम ने बनाया था टीका
ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के फॉर्मूला पर भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण किया था. देश में इसके 175 करोड़ डोज लगे हैं. वहीं, झारखंड में भी इस वैक्सीन का टीकाकरण काफी हुआ था. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे खून में थक्का जमने और प्लेटलेट्स की संख्या गिरने की आशंका व्यक्त की गयी है.क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कोविशील्ड टीका पर कंपनी ने जो बयान दिया, इससे सचेत रहना होगा. हालांकि, घबराने की जरूरत नहीं है. रिस्क फैक्टर वाले (अधेड़ उम्र, गंभीर बीमारी व वायरल की समस्या वाले) सतर्क रहें. इन्हें हर छह महीने पर खून की जांच करानी चाहिए. संभव हो तो इम्युनिटी की जांच भी करायें.डॉ राजकुमार, निदेशक, रिम्स
कोविशील्ड टीका के दुष्प्रभाव को अभी कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं मिला है. इसलिए कंपनी के बयान से घबराने की जरूरत नहीं है. जीवनशैली और खानपान ठीक रखें. नियमित व्यायाम और योग करें. अगर किसी प्रकार की दिक्कत आती है, तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर जांच करायें.डॉ प्रकाश कुमार, कार्डियोलॉजिस्ट, रिम्सB
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