बोकारो. चास अनुमंडल स्थित कुपोषण उपचार केंद्र में मंगलवार को ‘कुपोषित बच्चों की कैसे करें पहचान’ पर चल रहे दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ. उद्घाटन मुख्य अतिथि एमटीसी (माल न्यूट्रिशन ट्रीटमेंट सेंटर) प्रभारी डॉ रवि शेखर व एमटीसी इंचार्ज परिचर्या आशा कुमारी, शर्मिष्ठा ने संयुक्त रूप से किया. डॉ शेखर ने कहा : छह माह से पांच साल तक के बच्चों के हाथ के ऊपरी हिस्से की मोटाई करीब 115 मिमी से कम होना गंभीर कुपोषण का इशारा है. ऐसे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. डॉ शेखर ने कहा कि बच्चे संक्रमण की चपेट में आसानी से आते हैं. कुपोषित होने पर मुख्य लक्षण थकान, चक्कर आना व वजन कम होना सामने आता है. त्वचा पर खुजली व जलन की समस्या, हृदय का ठीक से काम न करना, लटकी व बेजान त्वचा, पेट से संबंधित संक्रमण, सूजन की समस्या, श्वसन तंत्र से संबंधित संक्रमण, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता व चिड़चिड़ापन प्रमुख है. मौके पर चंदनकियारी प्रखंड की एएनएम व सहिया सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.
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