कोलकाता. पेयजल की खपत पर नजर रखने के लिए कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने 11 वार्डों में वाटर मीटर लगाये गये हैं. लेकिन मीटर चोरी की घटनाएं निगम के लिए सिरदर्द बन गयी हैं. कोलकाता पर्यावरण सुधार निवेश कार्यक्रम (केइआइआइपी) के आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 से अब तक 1204 वाटर मीटर चोरी हुए हैं. जून 2022 से मई 2023 तक केवल 30 मीटर की चोरी हुई थी. लेकिन जून 2023 से मामला बढ़ना शुरू हुआ और दिसंबर 2023 तक 698 मीटर चोरी हो गये. इस साल चार महीने में ही करीब 469 वाटर मीटर चोरी कर लिये गये. जून 2022 से अबतक 1204 वाटर मीटर की चोरी हो चुकी है. निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोलकाता के 11 वार्डों में कुल 700 वाटर मीटर लगाये गये थे. इनमें से 1204 मीटर चोरी हो गये हैं. इस मामले में स्थानीय थाने में जनरल डायरी की गयी है. स्थानीय पुलिस थानों के साथ-साथ लालबाजार में शीर्ष अधिकारियों के पास भी शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं. पुलिस की जांच में पता चला कि नशा करने वाले लोग वाटर मीटर की चोरी कर रहे हैं. काशीपुर के एक से छह नंबर वार्ड और पाटुली के पांच वार्डों में वाटर मीटर लगाये गये हैं. चोरी की सबसे अधिक घटनाएं पाटुली के 101,102,107 और 110 नंबर वार्ड में हो रही हैं. निगम अधिकारी ने बताया की पानी की खपत एवं बर्बादी पर नजर रखने के लिए वाटर मीटर लगाये गये हैं. केएमसी के जलापूर्ति विभाग के अनुसार, कोलकाता में प्रत्येक व्यक्ति को उसकी दैनिक जरूरतों के लिए 150 लीटर पानी मिलना चाहिए. हालांकि, यह पाया गया कि पांच सदस्यों का एक परिवार प्रतिदिन लगभग 1,500 लीटर की खपत कर रहा है, जो काफी अधिक है.
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