संवाददाता, पटना: अग्निशमन विभाग अब बहुमंजिली इमारतों या संकरी गलियों में आग बुझाने के लिए फायर फाइटिंग ड्रोन का इस्तेमाल करेगा. पटना जंक्शन के पास 25 अप्रैल को पाल होटल व अमृत होटल में अगलगी की घटना में आठ लोगों की मौत होने के बाद फायर फाइटिंग ड्रोन को शामिल करने के लिए अग्निशमन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. इस कड़ी में मंगलवार को फायर फाइटिंग ड्रोन का गांधी मैदान में डेमोंस्ट्रेशन किया गया. ड्रोन को हवा में उड़ा कर फोम का छिड़काव किया गया. हालांकि, यह ड्रोन 10 मीटर से ज्यादा ऊपर नहीं उड़ पाया. माना जाता है कि ड्रोन 50 मीटर ऊपर भी जाकर बहुमंजिली इमारतों में लगी आग को बुझा सकता है. खास कर ड्रोन से फोम का इस्तेमाल आमतौर पर रसायनिक पदार्थों से लगी आग को बुझाने में किया जाता है. क्योंकि पानी का प्रभाव इस तरह की आग पर काफी कम होता है. इस दौरान अग्निशमन विभाग की ओर से फायर फाइटिंग बाइक व अन्य उपकरणों का भी प्रदर्शन किया गया. मौके पर मौजूद असिस्टेंट स्टेट फायर ऑफिसर राकेश कुमार ने बताया कि फायर फाइटिंग ड्रोन का उपयोग वैसी स्थिति में किया जाता है, जहां बहुमंजिली इमारतों में हाइड्रोलिक या लैडर प्लेटफॉर्म नहीं पहुंच पाता है. ड्रोन की मदद से वैसी ऊंची जगहों पर तुरंत ही फोम का छिड़काव कर आग को बुझाया जा सकता है. इसके अलावा तंग गलियों में डायरेक्ट टारगेट पर जाकर पानी या फोम के उपयोग से आग बुझायी जा सकती है. अभी हमलोग यह देख रहे हैं कि बिहार के परिप्रेक्ष्य में यह कितना उपयोगी है. इसके लिए ही डेमोंस्ट्रेशन कराया जा रहा है.
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