Indian Navy: चीन पाकिस्तान समेत भारत के दुश्मनों की खैर नहीं. भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) प्रणाली सफल परीक्षण कर लिया है. नौसेना ने ओडिशा के तट पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक उड़ान का परीक्षण किया. बता दें, असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) एक अगली पीढ़ी की मिसाइल-आधारित हल्की टारपीडो डिलीवरी प्रणाली है. जिसे डीआरडीओ ने डिजाइन और विकसित किया है. यह पूरी तरह स्वदेशी है.
पनडुब्बी रोधी मिसाइल सिस्टम
स्मार्ट एक पनडुब्बी रोधी मिसाइल सिस्टम है. यह युद्ध से काफी कारगर साबित होगा. स्मार्ट एक कैनिस्टर बेस्ड मिसाइल सिस्टम है. यह लंबी लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने में पूरी तरह सक्षम है. सबसे खास बात है कि इस मिसाइल को जंगी जहाज के साथ ही तटीय इलाकों से भी लॉन्च किया जा सकता है. यह बेहद कम ऊंचाई पर हवा में उड़ान भरता है. और, अपने लक्ष्य के पास पहुंचने के बाद मिसाइल से टॉरपीडो अलग होकर पानी के अंदर जाकर पनडुब्बी को निशाना बनाता है. इसके सफल परीक्षण से भारत की सामरिक ताकत और बढ़ गई है.
सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल
डीआरडीओ की ओर से निर्मित इसे स्वदेशी सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल भी कहा जा रहा है. इसकी रेंज पारंपरिक टॉरपीडो से कहीं ज्यादा है. डीआरडीओ ने इस मिसाइल को लेकर कहा है कि यह पूरी तरह से सुपरसोनिक एंटी शिप मिसाइल है. जानकारी के मुताबिक यह 650 किलोमीटर तक जाकर अपने लक्ष्य को भेद सकता है. बता दें युद्ध में पनडुब्बी रोधी क्षमताओं को बढ़ाने पर डीआरडीओ लगातार काम कर रहा है. इसी कड़ी में आज यानी बुधवार को असिस्टेड रिलीज़ ऑफ़ टॉरपीडो का सफल परीक्षण किया गया है.
खास बातें
- यह लंबी दूरी के लक्ष्य को भेद सकता है.
- असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो स्वदेशी निर्मित मिसाइल है
- यह 650 किलोमीटर तक जाकर अपने लक्ष्य को भेद सकता है.
- इसके सफल परीक्षण से भारत की सामरिक ताकत और बढ़ गई है.
- जंगी जहाज के साथ ही इसे तटीय इलाकों से भी लॉन्च किया जा सकता है.
- यह बेहद कम ऊंचाई पर हवा में उड़ान भरता है.
- अपने लक्ष्य के पास पहुंचने के बाद मिसाइल से टॉरपीडो अलग होकर लक्ष्य भेद सकता है.
- इस मिसाइल सिस्टम में काफी उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
लंबी दूरी के लक्ष्य को भेदने में सक्षम
डीआरडीओ की यह सुपरसोनिक मिसाइल अपने साथ एक टॉरपीडो, पैराशूट डिलीवरी सिस्टम को भी ले जा सकता है. डीआरडीओ ने इसे दुश्मन देश की पनडुब्बी को निशाना बनाने के लिए विकसित किया है. पाकिस्तान और चीन का सामरिक ताकत से निपटने के लिए भारत की यह मिसाइल काफी उपयोगी साबित होगी. सबसे बड़ी बात की इस मिसाइल की रेंज पारंपरिक टॉरपीडो से कहीं ज्यादा है.