प्रतिनिधि, मुंगेर. सरकार द्वारा लगातार स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में डेवलपर किया जा रहा है. जहां सुविधाओं को बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपये भी खर्च किये जा रहे हैं, ताकि स्थानीय लोगों को उनके घरों के पास ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. लेकिन इन एचडब्लूसी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के कारण आये दिन एचडब्लूसी बंद रहने या वहां कर्मियों के मौजूद न होने का मामला सामने आता है. कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को सदर प्रखंड स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सुजावलपुर में देखने को मिला. जहां पूर्वाह्न 11 बजे कोई स्वास्थ्यकर्मी मौजूद नहीं थे. बताया गया कि सदर प्रखंड पीएचसी में गुरुवार को चुनाव के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की मीटिंग बुलायी गयी थी. जबकि यहां से महज 200 मीटर की दूरी पर संचालित एचडब्लूसी सुजाबलपुर में सीएचओ बुशरा बहाव के साथ एएनएम काजल कुमारी की ड्यूटी थी. सीएचओ अन्य एचडब्लूसी का प्रभार होने के कारण गुरुवार को केंद्र पर नहीं थी. केवल सफाईकर्मी के भरोसे केंद्र छोड़कर एएनएम काजल कुमारी भी पीएचसी में ट्रेनिंग के लिए चली गयी. जिसके कारण केंद्र पूरी तरह खाली रहा. इतना ही नहीं, केंद्र पर दवाओं का रखरखाव भी सही से नहीं दिखा. कई दवाएं जो मई माह में ही एक्सपायर होने वाली हैं. वैसे दवाएं कोने में सड़े-गले कार्टूनों में फेके मिले. हद तो यह रही कि यहां गुरुवार को इलाज के लिए आने वाले मरीज भी निराश होकर लौटते दिखे. हलांकि एचडब्लूसी केंद्र की जानकारी लेने के लिए सीएचओ बुशरा बहाव के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी. यह हाल तब है, जब लगातार जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जिले के सभी एचडब्लूसी का औचक निरीक्षण किया जा रहा है.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि किसी भी हालत में केंद्र को छोड़कर नहीं जाना है. सीएचओ या एक स्वास्थ्यकर्मी को केंद्र पर नियमित रूप से मौजूद होना है. ऐसे में यदि केंद्र खाली छोड़ा गया है तो इस संबंध में वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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