टीएमबीयू के पीजी हॉस्टलों में आम छात्रों को राशि जमा करने के बाद भी कमरा लेने के लिए विवि का चक्कर लगाना पड़ता है. दूसरी ओर उसी हॉस्टलों में छात्रों के नाम पर स्कूल के शिक्षक अवैध रूप से रह रहे हैं. ऐसे शिक्षकों की संख्या आधा दर्जन से अधिक है. वहीं, हॉस्टलों के अधीक्षकों को कमरा में अवैध कब्जा जमाये ऐसे लोगों की जानकारी नहीं है, न ही कमरा नंबर की जानकारी है. मामले की जानकारी डीएसडब्ल्यू को मिली है.
सभी हॉस्टलों के अधीक्षकों से सूची तैयार कर मांगी
डीएसडब्ल्यू को शिकायत मिली है कि पीजी पुरुष के सभी पांच हॉस्टलों में अवैध रूप से स्टूडेंट्स कब्जा जमाये हैं. कुछ हॉस्टल में छात्रों के नाम पर स्कूल में कार्यरत शिक्षक भी रह रहे हैं. बताया जा रहा है कि सत्र की पढ़ाई समाप्त होने के बाद भी कमरे पर कब्जा रखा जा रहा है. ऐसे में नये छात्रों को जगह नहीं मिल पा रही है. नियमानुसार कुछ छात्र दूसरे वर्ष का राशि तक जमा नहीं कराया है. इसमें कई ऐसे प्रमुख नाम डीएसडब्ल्यू के सामने आया है.
विवि निर्देश जारी कर भूला
विवि प्रशासन ने हॉस्टलों में अवैध रूप रहने वाले छात्रों को कई बार पत्र लिखा. इसकी जानकारी अधीक्षकों को भी दी गयी, लेकिन महज खानापूर्ति की गयी. जबकि पत्र के माध्यम से ऐसे छात्रों को कमरा खाली करने का निर्धारित समय भी तय किया गया था, लेकिन विवि प्रशासन फॉलोअप करना भूल गया.सूची मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी
डीएसडब्ल्यू प्रो बिजेंद्र कुमार ने कहा कि सभी अधीक्षकों से सूची मांगी गयी है. सूची मिलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. जरूरत पड़ने पर जिला प्रशासन से भी सहयोग लिया जायेगा. पुरुष व महिला हॉस्टलों के अधीक्षकों से कहा गया है कि दो से तीन दिनों के अंदर अवैध रूप से रहने वाले छात्रों की सूची डीएसडब्ल्यू कार्यालय को उपलब्ध करायें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है