गया.मुरारपुर-कालीस्थान मुहल्ले के रहनेवाले रेलवे ट्रैकमैन संजय कुमार की हत्या का खुलासा सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने कर लिया है. इस हत्याकांड में शामिल रेलकर्मी के घर काम करनेवाली महिला व उसके पति व जीजा को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह जानकारी गुरुवार को पुलिस ऑफिस में आयोजित प्रेसवार्ता में एसएसपी आशीष भारती ने दी. एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों की पहचान बैरागी मुरली हिल मुहल्ले में रहनेवाली रानी कुमारी व उसके पति सोनू कुमार और उसके जीजा डुमरिया थाना क्षेत्र के मंझौली के रहनेवाले संजय कुमार के रूप में की गयी है. एसएसपी ने बताया कि 28 अप्रैल की दोपहर रेलकर्मी संजय कुमार के बेटे शशांक कुमार ने सिविल लाइंस थाने में सूचना दी कि उनके पिता का मोबाइल फोन 26 अप्रैल से बंद है. इसके बाद पुलिस टीम रेलकर्मी के सरकारी आवास इंस्पेक्टर कॉलोनी स्थित 416 ए पहुंची और उनके घर में लगे ताला को तोड़ कर अंदर प्रवेश किया, तो देखा कि घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था. आलमारी भी टूटी थी. साथ ही दीवार पर खून के छींटे पड़े थे. छानबीन में घर के आंगन में स्थित शौचालय के बगल में बने पानी जमा करनेवाले हॉज में संजय कुमार शव एक कंबल में लपेट कर डाला हुआ मिला और उसके शव पर नमक छिड़का हुआ था. इस मामले में रेलकर्मी के बेटे शशांक कुमार के बयान पर सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. हत्याकांड के खुलासे को लेकर सिटी एएसपी पारसनाथ साहू के नेतृत्व में टेक्निकल सेल के पुलिस पदाधिकारियों को शामिल करते हुए एक विशेष टीम का गठन किया गया. बारीकी से जांच कर घटनास्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य इकट्ठा किया गया. इस छानबीन में दौरान टेक्निकल सेल ने इस हत्याकांड में पहले रानी कुमारी को हिरासत में लिया और उससे कड़ी पूछताछ की, तो उसने स्वीकार कर लिया कि अपने पति सोनू उर्फ जाकिर अली व जीजा संजय कुमार के साथ मिल कर रेलकर्मी की हत्या कर दी है. रानी के बयान पर एसआइटी ने सोनू उर्फ जाकिर व संजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया. तीनों अपराधियों के मोबाइल फोन के सीडीआर व टावर लोकेशन के आधार पर एसआइटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन, अब भी यह रहस्य बना है कि रेलकर्मी की हत्या उक्त लोगों ने किन कारणों से की है. हत्या के कारण से संंबंधित सवाल पूछे जाने पर एसएसपी ने कहा कि रेलकर्मी के सरकारी आवास में सारे सामान बिखरे पड़े थे. आलमारी भी टूटा था. वहां से किन-किन सामानों की चोरी हुई है, इसका अब तक खुलासा नहीं हो सका है. चूकि रेलकर्मी अपने परिवार को अपने साथ नहीं रखते थे. इस कारण अब तक यह स्पष्ट ही नहीं हो पा रहा है कि रेलकर्मी के कौन-कौन से कीमती सामान की चोरी हुई है.
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