पटमदा
. बोड़ाम के आंधारझोर गांव में भीषण गर्मी से जलस्तर काफी नीचे चले जाने से गांव के अधिकतर चापाकल बेकार पड़े हैं. गांव की महिलाएं तालाब या अन्य स्रोतों से पानी भरने को मजबूर हैं. महिलाओं ने गुरुवार को को बाल्टी व डेगची लेकर चापाकलों के समक्ष प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि गांव के सभी चापाकल खराब पड़े हैं. हमलोग किसी तरह पानी का जुगाड़ कर रहे हैं. मुखिया, वार्ड सदस्य और पंसस को जानकारी देने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला. आदिवासी-हरिजन बहुल गांव आंधारझोर में पानी की किल्लत होने से लोगों की दिनचर्या बदल गयी है. सुबह से लोग पानी की जुगाड़ में लग जाते हैं. खासकर महिलाओं का पानी भरने में ही अधिक समय बीत रहा है. ग्रामीणों ने बीडीओ को आवेदन सौंपने का निर्णय लिया है. महिलाओं ने गांव में नया चापाकल लगाने की मांग की. आवेदन में पूर्णिमा सिंह, बाबूलाल सिंह, छलना सिंह, छुटुलाल सिंह, जगबंधु सिंह, सुरुपद सिंह, भारती सिंह समेत दर्जनों ग्रामीणों के हस्ताक्षर शामिल हैं. इस संबंध में पूछने पर बोड़ाम की बीडीओ नाजिया अफरोज ने बताया कि आंधारझोर में चापाकल खराब होने की जानकारी अबतक किसी ने नहीं दी है. उन्होंने बहुत जल्द खराब चापाकलों की मरम्मत कराने का आश्वासन दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है