रांची. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि 20 से 30 साल पहले तक कालाजार एक बड़ी समस्या थी. सरकार के दिशा-निर्देश और प्रतिबद्धता के अनुरूप राज्य में कालाजार रोग के उन्मूलन के लिए राज्य स्तर से ग्राम स्तर तक सार्थक प्रयास किये गये. इसका परिणाम है कि राज्य में वर्ष 2023 में सभी जिलों ने कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया. अब हमें इस स्थिति को बरकरार रखना है, जो बहुत जरूरी है. इसके लिए हमें रणनीति बना कर कालाजार से संबंधित जानकारी और इससे बचने के उपायों को आबादी के अंतिम पायदान तक ले जाना है. हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से कालाजार की स्थिति को बेहतर तरीके से जान सकते हैं. झारखंड जल्द ही कालाजार मुक्त राज्य बनेगा. श्री सिंह बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की प्रगति से संबंधी राष्ट्रीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस बैठक में जो भी सुझाव आयेंगे, उन्हें कालाजार उन्मूलन की रणनीति में शामिल किया जायेगा. कालाजार प्रभावित क्षेत्रों के कच्चे मकानों में पाये जाने वाली दरारों को प्लास्टर के माध्यम से भरने का प्रयास किया जायेगा, ताकि बालू मक्खी के प्रजनन को रोका जा सके. एनसीवीबीडीसी निदेशक डॉ तनु जैन ने कहा कि सभी राज्यों ने कालाजार उन्मूलन के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में जो प्रगति की है, वह प्रशंसनीय है. मगर इस स्थिति को ऐसे ही बरकरार रखना जरूरी है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य को पूरी तरह प्राप्त करने के लिए सुनियोजित कार्ययोजना बनाकर प्रभावित गांवों के हर घर में कीटनाशी छिड़काव (आइआरएस) कर रहा है, ताकि बालू मक्खी का खात्म कर इस रोग के प्रसार को रोका जा सके. निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ सीके साही ने कहा कि किसी भी बीमारी को समाप्त करने के लिए उसके प्रसार को समझना आवश्यक है. जैसे हमने चेचक, पोलियो को खत्म किया है, वैसे ही हम कालाजार को भी खत्म करेंगे. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने दुमका जिले में वर्ष 2023 में कालाजार के नियंत्रण के क्षेत्र में सफलता एवं उपलब्धियों से संबंधित सफल कहानियों की पुस्तिका का विमोचन किया. कार्यशाला में डॉ कृष्ण पांडेय, डॉ बदरी थापा, प्रो श्याम सुंदर, वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ बिरेंद्र कुमार सिंह समेत सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे.
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