सारवां . श्रीमद्भागवत कलियुग में साक्षात भगवान के दर्शन के बराबर है . यह बातें प्रखंड क्षेत्र के कुशमाहा काली मंदिर में आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अवसर पर पंडित गंगाधर पत्रलेख ने श्रद्धालुओं से कही. इस क्रम में उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवत का स्मरण करने मात्र से ही हमारे सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है. इस अवसर पर उन्होंने कहा श्रीमद्भागवत कथा को सुनने मात्र से ही देवता, गंधर्व ऋषि मुनि तरसते हैं. मानव को इसका आशीर्वाद कथा के श्रवण से ही मिल जाता और कष्ट दूर हो जाते हैं, जो मनुष्य समय निकाल कर भागवत कथा का अध्ययन करते हैं, उनकी आने वाली पीढ़ियां सुधर जाती है. इस क्रम में उन्होंने कहा यह केवल एक ग्रंथ नहीं वरन ज्ञान का वो भंडार है, जिसका अंत ही नहीं है. यह संस्कार, विचार के साथ जीवन जीने की कला सिखाता है. इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया गया. कथा के संचालन में युवा समिति के राजकिशोर पत्रलेख, एकानंद चौधरी, मुन्ना पत्रलेख, दीपक पत्रलेख, आदित्य पत्रलेख, रवि पत्रलेख, पप्पू पत्रलेख, कुंदन लस्कर, शुभम कुमार आदि समिति सदस्यों ने अहम योगदान दिया. कथा सुनने को लेकर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.
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